गर्मी और प्यास से बेहाल मज़दूर कहीं हो न जाएं बीमार:
जिला बांदा ब्लाक बड़ोखर खुर्द के गुरेह गांव में कवारेन्टीन की जगह बारात घर में बिजली, पानी और शौंचालय की व्यवस्था नहीं। गर्मी और प्यास से बेहाल मज़दूर कहीं हो न जाएं बीमार। इस गांव के प्राथमिक विद्यालय में एक परिवार जिसमें दो पुरुष और एक महिला के साथ छोटी बच्ची कवारेन्टीन के लिए है। ये लोग 9 मई को कवारेन्टीन के लिए बारात घर में रहने लगे। इनका आरोप है कि यहां बिजली पानी और शौंचालय की ऐसी व्यवस्था होने से क्या फायदा जिसका इस्तेमाल न कर पाएं। बात ये है कि बारात घर बंद कमरा है। इतनी तेज धूप होती है कि दिन में धूप से ज्यादा गर्म हो जाता है ये कमरा। बिजली की भी व्यवस्था नहीं है। रात के अंधेरे में लालटेन जलाते हैं। डेढ़ साल की बच्ची है हमारे साथ गर्मी में बहुत रोती है। हमें दर है कि वह बीमार न हो जाये। पानी के लिए हैण्डपम्प तो है लेकिन पानी बहुत खारा है। 500 मीटर की दूरी में बारात घर के बाहर लगे हैण्डपम्प से पानी लेने जाते हैं तो लोग हैण्डपम्प छूने तक नहीं देते। हम लोगों के आने का इंतजार करते हैं कि कब कोई पानी भरने आये तो उनसे दूर से पानी ले लेते हैं। लोग इतना भेदभाव करते हैं जितना कि डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति से भी नहीं करते। शौंचालय तो है लेकिन उसकी सीट भरी है जिसके कारण शौंच के लिए भी बाहर ही जाना पड़ता है। लोग बाहर देखते ही गालियां बकने लगते हैं। पुलिस को बुलाकर जेल भेजने की धमकी देते हैं। एक तो हम इतना परेशान होकर यहां तक पहुंचे हैं ऊपर से ये स्थिति है। प्रधान का कहना है कि उनको प्रशासन की तरफ से खाने, रहने और बाकी कोई व्यवस्था कराने के लिए प्रशासन से कोई आदेश नहीं हैं। सिर्फ साफ सफाई की व्यवस्था हमें देखना है। जिसको भी खाने और पंखे की व्यवस्था करना हो वह खुद करे। भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष रामकेश निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी के लोग इस तरह की सारी व्यवस्थाएं देख रहे हैं, जहां पर भी कुछ अव्यवस्था हैं वहां पर व्यवस्था की जाएगी।