जिला ललितपुर ब्लॉक महरौनी गांव साढूमल के लोगों का कहना है कि उन लोगों के अभी तक जॉब कार्ड नहीं बने हैं। वहीं जिनके जॉब कार्ड बने हुए हैं वह सब प्रधान के पास रखे हुए हैं। लोगों ने कई बार मांग की कि प्रधान उन लोगों के जॉब कार्ड वापस दे दें।
इसके जवाब में प्रधान कहते हैं कि “आप लोग मजदूरी करते हो तो आपका पैसा आपके खाते में डल जाता है फिर जॉब कार्ड को लेकर क्यों परेशान हो। अभी नहीं देंगे, आप लोगों को क्या करना है ऐसे ही काम करो अगर करना है तो।” इसी वजह से लोगों को पता नहीं होता कि उन्होंने कितने दिन काम किया है और उनकी हाजिरी कितनी है, जॉब कार्ड का पैसा निकल चुका है या नहीं। ऐसी ही कई प्रकार की दिक्कतें लोगों को होती है।
लोगों ने कई बार मांग भी की है पिछली पंचवर्षीय में जब उन्होंने नरेगा में काम किया था तो लोगों को पता नहीं था कि उनके जॉब कार्ड से कितने पैसे निकले हैं। लोगों को नरेगा में काम करने के पैसे नहीं दिए गए। कई बार लोगो ने इसे लेकर डीएम को शिकायत पत्र भी दिया। फिर भी प्रधान ने लोगों को जॉब कार्ड नहीं दिए।
लोगों का आरोप है कि उनके जॉब कार्ड से रुपये निकालकर किसी और के खाते में डाले जा रहे हैं। लोग कहते हैं कि जॉब कार्ड ना होने से वह यह साबित नहीं कर पाते कि उन्होंने कितने दिन मज़दूरी की है। इसी वजह से उनके पैसे भी नहीं आते। लोग ब्लॉक से जिला स्तर तक
शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
गांव के प्रधान केसरबाई कन्हैयालाल का कहना है कि दो से तीन दिनों में लोगों के जॉब कार्ड उनके घर पहुंचा दिया जाएगा।
महरौनी विकासखण्ड के बीडियो संजय कुमार के अनुसार नियम कहता है कि मज़दूरों के पास जॉब कार्ड होना अनिवार्य है। अगर मामला सही है तो लोग उन्हें अवगत कराये और वह प्रधान के खिलाफ कार्यवाही करेंगे।
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