खबर लहरिया जिला चक्की चलाती महिलाएं | गांव की खासियत

चक्की चलाती महिलाएं | गांव की खासियत

आज पूरी दुनिया मशीनों पर चल रही है। हम मीलों की दूरी हवाई जहाज़ की मदद से मिनटों में तय कर लेते हैं। पहले जहाँ गेहूं पीसने के लिए घंटों हाथों से चक्की पीसनी पड़ती थी, वहीं आज मिनटों में मिल में आपका आटा तैयार हो जाता है लेकिन गांव में आज भी महिलाएं आपको हाथ से ही पत्थर की चक्की पर गेहूं पीसती मिल जाएंगी।

हाँ, भले ही उन्हें इस काम में मेहनत बहुत लगती हो, लेकिन उन्होंने अब इसको अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया है। गांव में हंसी-ठिठोली करते हुए, गीत गाते हुए ये महिलाएं बाकी के कामों के साथ-साथ चक्की भी पीसती दिख जाएंगी।

ये भी देखें – 

गाँव की खासियत : धान के ‘पुआल’ से बनी ये अनोखी झोपड़ी

 

‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our  premium product KL Hatke