विधेयक पर मंगलवार, 30 जनवरी की शाम संसद के निचले सदन में पक्ष में 493 और विपक्ष में 30 वोटों के साथ मतदान हुआ। यह विधायी प्रक्रिया में पहला ऐसा महत्वपूर्ण कदम है जिसके लिए सीनेट में वोट की आवश्यकता होती है।
फ्रांस की सांसद के निचले सदन ने एक महिला को गर्भपात का अधिकार/ ‘गारंटी स्वतंत्रता’ (guaranteed freedom) सुनिश्चित करने वाले विधेयक को लेकर भारी बहुमत के साथ मंज़ूरी दे दी है। यह विधायी प्रक्रिया में पहला ऐसा महत्वपूर्ण कदम है जिसके लिए सीनेट में वोट की भी आवश्यकता होती है।
बता दें, संयुक्त राज्य अमेरिका में गर्भपात के अधिकारों को वापस लेने के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) द्वारा पिछले साल इस विधेयक को लाने की प्रतिज्ञा ली गई थी।
विधेयक पर मंगलवार, 30 जनवरी की शाम संसद के निचले सदन में पक्ष में 493 और विपक्ष में 30 वोटों के साथ मतदान हुआ।
न्याय मंत्री एरिक डुपोंड-मोरेटी (Eric Dupond-Moretti) ने कहा, “आज रात, नेशनल असेंबली और सरकार ने महिलाओं के इतिहास के साथ अपनी मुलाकात को नहीं छोड़ा।”
द गॉर्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्रॉन की सरकार चाहती है कि फ्रांस के संविधान के अनुच्छेद 34 में संशोधन किया जाए जिसमें यह शामिल किया जाए कि “कानून उन शर्तों को निर्धारित करता है जिनके द्वारा महिलाओं को गर्भपात का सहारा लेने की स्वतंत्रता मिलती है, जिसकी गारंटी होती है।”
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फ्रांस में गर्भपात के अधिकार से जुड़े बिंदु
फ्रांस में गर्भपात को 1975 के कानून के तहत अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया था, लेकिन संविधान में ऐसा कुछ भी नहीं है जो गर्भपात के अधिकार की गारंटी देता हो।
सरकार ने विधेयक के बारे में तर्क देते हुए कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में गर्भपात के अधिकार को खतरा है, क्योंकि साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पुराने फैसले को पलट दिया था जिसने गर्भपात के अधिकार की गारंटी दी थी।
बता दें, फ्रांसीसी संविधान में बदलाव के लिए या तो जनमत संग्रह की आवश्यकता होती है या संसद के दोनों सदनों के संयुक्त वोट के तीन-पांचवें हिस्से की मंजूरी की ज़रूरत होती है।
सीनेट के कई केंद्र-दक्षिणपंथी सदस्यों ने संविधान में गर्भपात का उल्लेख करने का विरोध करते हुए कहा कि यह कोई संवैधानिक मुद्दा नहीं है और फ्रांस में गर्भपात की पहुंच को कोई खतरा नहीं है।
बताया गया कि सीनेट 28 फरवरी को टेक्स्ट की जांच करना शुरू करेगी।
महिलाओं को गर्भपात का अधिकार मिलना, हमेशा से एक लंबी लड़ाई रही है जो सिर्फ किसी एक देश के बारे में नहीं बल्कि संयुक्त की तरफ इशारा करती है कि देश की सरकार महिलाओं के अधिकारों को लेकर कितनी कार्यरत है।
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