अजमेर की रहने वाली गीता ने 40 साल की उम्र में बारहवीं पास किया है। वह अजमेर के बबाइचा ग्राम पंचायत में अपने पति व दो बच्चों के साथ रहती हैं। गीता बताती हैं, उनका पीहर किशनगढ़ में है। किशनगढ़ से उन्होंने 5वीं तक कक्षा की पढ़ाई की थी। घर की गरीब स्थिति के कारण उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी। स्कूल भी दूर था इसलिए घर वालों ने पढ़ाई को ज़रूरी नहीं समझा। उनके दादा ने 11 साल की छोटी उम्र में ही उनका बाल विवाह करवा दिया था, क्योंकि उनकी बड़ी बहनों की भी शादी हो रही थी। इसमें गीता की भी शादी भी हो गई। शादी के बाद जब गीता 15-16 साल की हुई तो उनके दो बच्चे, एक लड़का व लड़की हो गए। उनका बेटा इस समय BSTC टीचर की तैयारी कर रहा है और वहीं लड़की राजस्थान पुलिस की तैयारी कर रही है।
ये भी देखें – Kota Deaths 2023: 17 छात्र अब तक कर चुके हैं आत्महत्या, पढ़ाई का प्रेशर ले रहा जान
गीता ने बताया कि जब वह 12वीं की परीक्षा देने जाती थी, तब उनकी बेटी कॉलेज के एग्जाम देने जाती थी। दोनों साथ जाते थे और वहाँ पर उन्हें बड़ी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता था।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्त होने के लिए पहले गीता ने 10वीं की, लेकिन तब उनका नंबर नहीं आया। कुछ समय बाद, एक टीचर ने उन्हें बताया कि वह ओपन से 10वीं कर सकती हैं। उसके बाद, सेन्टर फाॅर लेबर रिसर्च एण्ड एक्शन संस्था (CLRA) की तरफ से आशा वर्मा ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए एक महिला की ज़रूरत है, तो उन्होंने वहां आवेदन कर दिया और बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी ज़ारी रखी। गीता ने इस काम के दौरान स्वास्थ्य के बारे में भी जाना और महिलाओं का टीकाकरण भी करवाया। इस दौरान संस्था के सीनियर आशा वर्मा ने गीता को काफी सहयोग दिया और उन्हें प्रेरित किया कि वह 12वीं की पढ़ाई भी करे।
ये भी देखें – ज्योति मौर्य मामले से घबराया पुरुष प्रधान समाज, कई महिलाओं के पतियों ने छुड़वाई पढ़ाई
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’