बिहार के गया जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहाँ एक महिला को डायन बोलकर पहले तो भीड़ ने पीटा फिर पेट्रोल डालकर आग लग दी। पहले तो पंचायत बिठाकर हल निकालने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ बात नहीं बन सकी। इसके बाद दोनों पक्ष के लोगों ने झारखंड के इलाके से मुन्ना भगत ओझा को बुलाया था। वहीं मुन्ना भगत के इशारे पर महिला के डायन होने की बात कहते हुए सजा-ए-मौत का फरमान जारी कर दिया गया।
पूरा मामला गांव में एक महीने पहले एक प्रवेश नाम के युवक की मौत से शुरू हुआ था। फिर मृतक के परिवारवालों ने महिला पर तंत्र-मंत्र करके मारने का आरोप लगाया जिसके बाद पंचायत बुलाई गई जिसमें झारखंड से एक ओझा बुलाया गया था। परिवारजनों का दावा था कि ओझा साबित कर देगा कि महिला ने ही तंत्र-मंत्र का प्रयोग करके मारा था लेकिन इस बीच विवाद बढ़ गया और महिला घर आ गई। जिसके बाद पंचायत के लोगों ने उसे सजा-ए-मौत का फरमान सुना दिया। इसी दौरान, लगभग 50 से ज्यादा लोगों ने महिला के घर हमला बोल दिया। भीड़ नें महिला को छत से उतारकर पहले तो पीट-पीटकर अधमरा किया और इसके बाद कपड़ा लपेटकर कमरे में बंद करके आग लगा दी। भला 21वीं सदी में भी समाज में लोगों की ऐसी सोच है जिसका ख्याल ही रूह कंपा देने वाला है।
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ichowk.in की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि 2001 से लेकर 2014 तक देश में 2,290 महिलाओं की हत्या डायन बताकर कर दी गई।
सोचने की बात है कि समय के साथ जिस आडंबर और अंधविश्वास का अंत होना चाहिए था, वो अब तक नहीं हो सका है। काला जादू, भूत-प्रेत, मानव व पशु बलि, डायन प्रथा, बाल विवाह से लेकर कांच के टूटने, बिल्ली के रास्ते काटने, पीछे से टोकने व कई गणितीय अंकों को भी अंधविश्वास के नजरिये से परखा और जांचा जा रहा है। दिन व कपड़ों में भी आपको अंधविश्वास का असर देखने को मिल जाएगा।
मैगरा थाना के मुंशी रामानंद यादव ने बताया कि लगभग 200 लोगों के खिलाफ 6 नवंबर को मुकदमा दर्ज हुआ था। अपराध संख्या 50 /22 है। धारा 147,148, 149, 447, 448, 439,427,379, 382, 307, 341, 342, 302 और120 (बी) भादवि S/3/4 डायन प्राधिकरण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अभी तक 15 लोग गिरफ्तार हो चुके है। आगे की कार्यवाही की जा रही है।
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