खबर लहरिया Blog ट्रंप का टैरिफ़ क्या भारतीय आमों पर पड़ेगा भारी

ट्रंप का टैरिफ़ क्या भारतीय आमों पर पड़ेगा भारी

Photo credits: Social media

ट्रंप से परेशान हुए उत्तर प्रदेश के किसान 

जब-जब जिक्र आमों का होगा, तो बात मलिहाबाद तक तो पहुंचेगी ही। क्योंकि आम से मलीहाबाद का रिश्ता ही कुछ ऐसा है। यूपी की राजधानी लखनऊ से 30 किलोमीटर दूर बसे मलीहाबाद को आमों की राजधानी के रूप में जाना है। आपको बता दें कि दशहरी, जौहरी और चौसा जैसे आमों की किस्में मलिहाबाद में ही पाई जाती हैं, और इसके जायके की मिठास अब देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर हैं लेकिन इस समय मलिहाबाद आम के उत्पादक काफी परेशान हैं क्योंकि टैरिफ की वजह से।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तगड़े टैरिफ का ऐलान कर भारत समेत पूरी दुनिया को बड़ा झटका दे दिया है। ट्रंप ने भारत पर 26% पारस्परिक शुल्क लगाया है। वहीं चीन पर 34%, यूरोपीय संघ पर 20% और जापान पर 24% टैरिफ लगाया गया है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 30 किलोमीटर दूर मलिहाबाद के दशहरी आम की मिठास दुनिया भर में मशहूर है।

गर्मियों के मौसम में इस आम का इंतज़ार रहता है।  दशहरी आम जून के पहले सप्ताह से आना शुरू होता है.अभी इस आम के बाज़ार में आने में थोड़ा वक्त है लेकिन किसान और आम के उत्पादक परेशान हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26 फ़ीसदी पारस्परिक शुल्क लगाया है।इसका असर आम निर्यात पर भी पड़ सकता है।

हालाँकि अभी इस टैरिफ़ पर 90 दिन की अस्थायी रोक लगी है।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की बैठक में ये कहा है कि उत्पादक घबराएं नहीं।

मलिहाबाद के दशहरी आम के बाग़ लगाने की शुरुआत 18वीं सदी में हुई थी दावा है कि इस आम की प्रजाति मलीहाबाद में विकसित हुई थी।

अभी दशहरी आम देश में कई अन्य जगहों पर भी उगाया जा रहा है, लेकिन मलिहाबाद क्षेत्र के दशहरी आम को ज्योग्राफ़िकल इंडिकेटर (जीआई) टैग मिला है ।

 

मलिहाबाद आम पर टैरिफ को लेकर किसान है चिंतित

शाहजेब खान मलिहाबादी आम के उत्पादक और निर्यातक है ये बताते हैं कि 

दशहरी आम तो देश में कई जगह हो रहा है. यूपी में सहारनपुर, वाराणसी, प्रतापगढ़ के अलावा गुजरात और आंध्र प्रदेश में भी दशहरी आम का उत्पादन हो रहा है, लेकिन जो स्वाद मलिहाबाद के दशहरी आम में है ।वो किसी और में नहीं है।

आम उत्पादक समिति के आँकड़ों के मुताबिक़ इस साल तकरीबन 30 हज़ार हेक्टेयर में बागवानी हो रही है. पिछले साल मलिहाबाद में ही तकरीबन 1.25 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन हुआ था।

परवेज़ ख़ान, मलिहाबाद के आम के  उत्पादक हैं उनकी कंपनी अभी दक्षिण भारत से आम ख़रीद कर विदेश भेज रहे है। इनमें नीलम और अलफांसो जैसे आम की किस्में भी हैं।

परवेज़ ख़ान अमेरिका को आम बेचने  के मसले पर कहते हैं, अभी अमेरिका ने भारत पर 26 फ़ीसदी टैरिफ़ बढ़ाया है। इससे दुनिया भर में अजीब सी स्थिति है. शेयर बाज़ार में भी उथल-पुथल है।कृषि क्षेत्र में भी इसका असर पड़ेगा।

उनका कहना है कि अमेरिका के नियम खाड़ी देशों के मुक़ाबले बहुत ही सख़्त हैं। इसलिए वहा आम भेजना भी कठिन है।अमेरिका आम भेजने का रिस्क हम जैसे किसान नहीं लेना चाहते हैं। अगर वहा की खेप रिजेक्ट हुई, तो बहुत नुक़सान होता है।

अमेरिका भेजने के लिए आम का ट्रीटमेंट करना होता है। एपीडा (भारत सरकार की संस्था है जो कृषि और खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देती है) मैंगो पैक हाउस रहमान खेड़ा में है, लेकिन वहाँ सभी सुविधाएं नहीं हैं।इसलिए ट्रीटमेंट के लिए पहले आम कर्नाटक भेजा जाता है।

इस प्रक्रिया से आम को सड़ने से बचाया जा सकता है और आम लंबे समय तक ताज़ा रहता है।

 

भारत ने 2007 से अमेरिका को आम बेचना शुरू किया

भारत साल 2007 से अमेरिका को हवाई मार्ग से आम का बेच रहा है।पुणे के आम के निर्यातक अभिजीत भोंसले का कहना है कि वर्ष 2024 में 3000-3200 मीट्रिक टन आम का निर्यात भारत से हुआ है।

अभिजीत भोंसले तकरीबन 15 साल से अमेरिका को आम का निर्यात कर रहे हैं। उनका दावा है कि वो तकरीबन 350 टन आम हर साल निर्यात करते हैं. उन्हें भी टैरिफ़ का डर सता रहा है।

उनका कहना है, दक्षिण अमेरिका का आम सस्ता है. हमारा आम हवाई जहाज़ से जाता है, तो इसकी क़ीमत बढ़ जाती है. अब जब टैरिफ़ लग जाएगा, तो दाम और बढ़ेंगे. कस्टमर का एक बैरियर होता है. ऐसे में भारतीय आम की मांग कम हो सकती हैं।

सरकारी आँकड़ों के मुताबिक़ भारत से तकरीबन 30 हज़ार मीट्रिक टन आम का निर्यात विदेश में हो रहा है।

भारत ने वर्ष 2023-24 में 2022-23 के मुक़ाबले अमेरिका में आम के निर्यात में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी।

इस दौरान भारत ने साल के पहले पाँच महीनों में अमेरिका को लगभग 2043.60 मीट्रिक टन भारतीय आमों का निर्यात किया था।

भारत ने वर्ष 2023-24 (अप्रैल-अगस्त) के दौरान दुनिया भर में 47.98 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 27,330 मीट्रिक टन आमों का निर्यात किया है।

भारत ने अमेरिका, ईरान, मॉरीशस, चेक गणराज्य और नाइजीरिया समेत 41 से ज़्यादा देशों को आमों का निर्यात किया है।

 

भारत ने ट्रंप के टैरिफ पर दी प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘अच्छा दोस्त’ बताते हुए कहा था कि पीएम मोदी उनके मित्र है, लेकिन ‘भारत ने हमारे साथ ठीक व्यवहार नहीं किया है। ट्रंप ने कहा, भारत हमसे 52% टैक्स लेता है, इसलिए हम उन पर आधे, यानी 26% का टैक्स लगाएंगे।’

 

‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our  premium product KL Hatke

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *