लगभग 2 सालों पहले कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान देश भर के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था और पढ़ाई को पूरी तरीके से ऑनलाइन कर दिया गया था। प्राइवेट स्कूल के बच्चे जिनके पास मोबाइल फ़ोन, इंटरनेट आदि की सुविधा थी, उन्हें तो इस ऑनलाइन क्लासेज से ज़्यादा दिक्कत नहीं हुई लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों और गरीब परिवारों के बच्चों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी।
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लगभग 2 सालों के बाद बिहार के शिवहर ज़िले के फतेहपुर गाँव में वापस से सरकारी स्कूल खोला गया हुआ, लेकिन इन दो सालों में पिछले पढ़ाया हुआ सब कुछ भूल चुके इन बच्चों एवं स्कूल के टीचरों के लिए वापस से पढ़ाई और क्लासेज कर पाना कितना मश्किल है, यह जानने हम पहुंचे इसी गाँव के एक सरकारी स्कूल में।
स्कूल में मौजूद शिक्षकों के अनुसार बच्चों को नए सिरे से सब कुछ सिखा पाना, वैसे तो मुश्किल हो रहा है। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ वापस से पहले की तरह हो जाएगा।
स्कूल में मौजूद बच्चे भी स्कूल वापस आने से काफी खुश हैं। इसके साथ ही टीचरों का कहना है कि आगे भी कोविड-19 से बचाव के लिए स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन किया जाएगा।
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