क्या पंचायत चुनाव बताएगा लोकसभा चुनाव का भविष्य
नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ मीरा देवी, खबर लहरिया की ब्यूरो चीफ। मेरे शो राजनीति रस राय में आपका बहुत बहुत स्वागत है। पंचायत चुनाव के नतीजे तो आ गए। कैसा लगा आपको, क्या कहना चाहेंगे। मुझे तो बहुत ही दिलचस्प लगा यह चुनाव। खासकर जिला पंचायत के नतीजों ने बताया दिया कि शायद जनता बदलाव चाह रही है। साथ ही बहुजन समाज पार्टी के दिन बहुरने वाले हैं।
शॉट 2- केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार होने और बुंदेलखंड में पार्टी के विधायक व सांसद होने के चलते भाजपा की सबसे ज्यादा सीटें आने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन जनता ने अधिकांश प्रत्याशियों को नकार दिया। पार्टी ने भी बहुत तैयारी की थी। बांदा की बात करें तो भाजपा की हार का ठीकरा पार्टी के जिलाध्यक्ष के ऊपर फोड़ दिया गया। प्रत्याशी चयन के समय भी पार्टी के अंदर बहुत खलबली मची थी। बहुत कार्यकर्ता नाराज होकर बागी हो गए।
शॉट 3- बुंदेलखंड के चार जिले बांदा,चित्रकूट, महोबा,हमीरपुर की बात करें तो चारों जिलों में भाजपा के सबसे कम प्रत्याशी जीत हासिल कर पाए। यहां तक कि भाजपा नेता अपने गांव घर से भी वोट नहीं पाए। चलिए जिले वाइज बता दूं बांदा में 30 में सात, चित्रकूट में 17 में चार, महोबा में 14 में तीन और हमीरपुर की 17 में पांच सीटें ही हासिल कर पाई है। वही बसपा ने बांदा में 11 सीटें जीती है। यह भजपा की बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
शॉट 4- जिला पंचायत अध्यक्ष कौन होगा? इसके लिए पार्टियों के अंदर घमासान मचा हुआ है। बांदा में तो भाजपा और बसपा आमने सामने हैं। दोनों ओर से जीत का जादुई आकड़ा 16 प्राप्त करने के लिये गैर दलों और निर्दलीयों पर डोरे डाले जा रहे हैं। बसपा को अध्यक्ष पद के लिये पांच सदस्य चाहिये तो भाजपा के लिये नौ सदस्यों की जरूरत पड़ेगी। लेकिन अंदरूनी खाने से जो चरचा है उसमे प्रयास हो रहा है की कम से कम जादुई आंकड़े से तीन से चार ज्यादा सदस्य अपने पाले में लाने का प्रयास हो रहा है। इस माह के अंत तक चुनाव होने की उम्मीद लगाई जा रही है।
शॉट 5- अब जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज चाहे जिसके सिर सजे लेकिन यहीं से शुरू हो जाता है देश का सबसे बड़ा चुनाव का कयास लगाना। इसलिए चुनाव के नतीजा आने के बाद यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मतदाता के मन में क्या चल रहा है। बहुजन समाज पार्टी के दिन बहुर आये हैं। साथ ही सोशल मीडिया में यह भी बातें कर रहे हैं कि भाजपा पार्टी को बहुत घमंड भी हो गया था।
शॉट 6- पार्टी के लिए मेरे भी कई सवाल हैं क्या पार्टी अपनी गलतियों में सुधार करेगी। हार का ठीकरा व्यक्ति विशेष ही क्यों? क्या पार्टी से कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखाना बड़ी गलती थी? नेताओं के गांव घर के मतदाता भी इतने नाराज क्यों? प्रदेश स्तर पर इस करारी हार का जिम्मेदार कौन?
शॉट 7- साथियों इन्हीं विचारों के साथ मैं लेती हूं विदा, अगली बार फिर आउंगी एक नए मुद्दे के साथ। अगर ये चर्चा पसन्द आई हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। लाइक और कमेंट करें। अगर आप हमारे चैनल पर नए हैं तो चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें। बेल आइकॉन दबाना बिल्कुल न भूलें ताकि सबसे पहले हर वीडियो का नोटिफिकेशन आप तक सबसे पहले पहुंचे। अभी के लिए बस इतना ही, सबको नमस्कार!
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