आजकल परिवर्तन के नाम पर राजनीती प्रचलित है, लेकिन आप ही बताइए परिवर्तन किस प्रेम कहानी में नहीं होता? क्या हम सब अपने प्रेमी के लिए थोड़ा थोड़ा बदलते नहीं? प्रेम और राजनीति में जमीन आसमान का फर्क है। प्रेम को राजनीति क्या हरा सकती है? नहीं न…..लेकिन क्यों राजनीति आड़े आ गई प्रेम के बीच में? कुछ ऐसी ही सीशे जैसे पारदर्शी, स्वच्छ, सुंदर, सत्य को दर्शाने वाले प्रेम को राजनीति से जंग लड़नी पड़ रही है।
देखते हैं कौन जीतता है। कुछ ऐसे ही विचारों के साथ देखिए हमारी यह इनक्लूसिव स्टोरी जो वेलेंटाइन डे पर कुछ खास है। बाइट ऑफ सूरजकली सूइजकली कहती हैं कि उन्होंने अपने पति के लिए खुद में कई तरह के बदलाव किए क्योकि प्यार को बनाये रखने के लिए खुद को और प्रेमी को भी खुद में बदलना पड़ता ही है। उन्होंने अपने पति जो मुश्लिम समुदाय से हैं उनके लिए सिंदूर और पैर में महावर (रंग) लगाना छोड़ दिया। वैसे भी वह सिंदूर, बिंदी और रंग को पहले भी ज्यादा महत्व नहीं देती थीं।
वह खुद हिन्दू हैं और पति मुश्लिम तो दोनों समुदायों के त्योहार ईद, बकरीद, होली, दिवाली एक ही छत के नीचे मनाती हैं। वह कुरान भी पढ़ती हैं और गीता व रामायण भी। उनका मानना है कि अगर वह पढ़ी लिखी नहीं होतीं, घर की चहारदीवारी से बाहर निकल समुदाय के बीच काम नहीं कर रही होतीं तो अन्तरधर्म विवाह की बात तो दूर प्यार भी नहीं कर सकते थे। वह अपनी कमाई के बल पर खुद खड़ी हैं।
अपने हक़ अधिकार को भली भांति जानती हैं इसलिए उनके खिलाफ कोई भी आवाज नहीं उठा सकता। ऊपर से उन दोनों पति पत्नी के कारण दोनों के रिश्तेदार एक साथ मिलकर सुख दुख के भागीदार बनते हैं। यही हिंदुस्तान की असली पहंचान है कि प्यार के बीच जाति और धर्म आड़े नहीं आना चाहिए। एक महिला जो अपना नाम और पता न उजागर करने की शर्त पर बताती हैं कि वह पति पत्नी हिन्दू धर्म की अलग अलग जाति से है। वह खुद सोनकर जाति की और उनका पति गुप्ता जाति का है।
उनको जब प्रेम हुआ तब उन्होंने जाति नहीं देखी। दोनों एक दूसरे की पसंद और नपसंद का बहुत ही ख्याल रखा चाहे वह कितनी भी छोटी या बड़ी रही हो। शादी में कई तरह की अड़चने और रुकावट आईं लेकिन शादी (अंतरजातीय विवाह) तो उन्होंने कर ही ली। अपने प्रेमी और प्यार के लिए दोनों ने अपने अपने को एक दूसते के प्रति बदलाव किया। वह बात अलग है कि किसी एक जन को कुछ ज्यादा ही बदलना पड़ता है और वह है महिला। इनके साथ भी कुछ ऐसे ही हुआ कि शादी के बाद अपने पति की पसंद के हिसाब से रहना, खाना, पहनना करती है।
वह अपने पति को एक मौका भी नहीं छोड़ती कि उनको किसी भी तरह की रोकटोक का सामना करना पड़े। एक और लव स्टोरी कुछ ऐसी ही है जो अभी शादी करने की तैयारी कर रहे हैं। जब हमने उनसे उनकी लव स्टोरी के बारे में जानने के लिए बात किया तो उनको एक और नई उमंग और ऊर्जा मिली कि उनकी लवस्टोरी इतनी खास क्यों है। वह बताती हैं कि वह मुश्लिम होकर भी हिन्दू धर्म के लड़के से प्यार करती हैं और वह लड़का भी उनको बहुत प्यार करता है। एक दूसरे के सुख-दुख, रहन-सहन, रीति-रिवाज, पूजा-पाठ और त्यौहारों का बहुत ही ख्याल रखते हैं।
वह हमेशा इस बात का ख्याल रखते हैं कि किसी भी तरह से भावात्मक ठेस न पहुंचे। वह शादी भी करेंगे और इस लव स्टोरी को एक परिवार में बदलेंगे। तो सुना आपने तीनों लव स्टोरियों को जो बहुत ही सकारात्मक, रोमांटिक और रोमांचक हैं। हमने पहले ही बताया है कि अपने प्यार और प्रेमी के लिए खुद को बदलना लाज़मी हैं और सब बदलते हैं लेकिन आज के राजनीतिक माहौल ने जिसको ‘लव जिहाद’ का नाम दिया जा रहा है इन प्यार भरी कहानियों जैसे सच्चा, ईमानदार और सार्थक होगा?