खबर लहरिया छतरपुर आज भी घर में बेटी होने पर पत्नी को घर से निकाल दिया जाता है, इसमें महिलाओं का क्या दोष?

आज भी घर में बेटी होने पर पत्नी को घर से निकाल दिया जाता है, इसमें महिलाओं का क्या दोष?

छतरपुर। मध्य प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार बेटियों की सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है लेकिन फिर भी महिलाओं की स्थिति में सुधार  देखने को नहीं मिलता बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में महिलाओ के हालात बद से बदतर होते जा रहे जानकारी के अनुसार नरसिहगढ़ पुरवा निवासी पीडित महिला  मनोज कुशवाहा अपनी मासूम बेटियो के साथ आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुची और एडिशनल एस पी छतरपुर को अपनी पीडा  रो रो कर सुनाई जिस पर  नगर पुलिस अधीक्षक ने  संबधित थाना प्रभारी नौगांव को सख्त  कार्यवाही करने के निर्देश दिये है जानकारी के अनुसार उक्त महिला की शादी लगभग दस वर्ष पूर्व नौगांव के ग्राम लहेरापुरवा निवासी हीरालाल भज्जू कुशवाहा के साथ हुआ था यहा पर सबसे बडा सवाल यह है की महिला का कसूर केवल इतना है की उसने बेटियो को जन्म दिया है