ललितपुर जिले का महरौनी कस्बा :क्यों हुआ आवास का सत्यानाश ,केनाराहट रोड मोहल्ला में लगभग 20 परिवार ऐसे है जो पन्नी टांग कर रहने को मज़बूर है. प्रधानमंत्री का हर किसी को पक्का छत देने का वादा फेल होता नज़र आ रहा है.
रश्मि का कहना है कि हैं हम पिछले 20 सालों से पन्नी के निचे रहने को मज़बूर हूँ. क्यों की आवास का सत्यानाश हो चुका है और इस ठंढ के मौसम में जब ठिठुरन भरी हवा चलती है तो रूह काँप जाती है. हमारे पास खुद की जमीन भी नहीं है जो कोई मकान बना पाए. मज़दूरी भी मिलती नहीं है जो मिल पाती है उससे बच्चों का पेट भरना भी मुश्किल हो जाता है तो घर कहाँ से बनवाये। कई बार विभागों के चक्कर लगाएं प्रधान से गुहार लगाईं पर हम गरीबों की सुनता कौन है ?
इसी जिले के मास्टर कालोनी में लगभग 770 परिवार रहते हैं जिनके पास आवास नहीं है. राम प्रसाद के अनुसार मजदूरी करते हैं 1 दिन में 100 से 200 रूपये की मजदूरी मिलती है इतने में क्या होता है बच्चे पालें या मकान बनाये। हम लोगों का घर खर्च ही नहीं चल रहा है तो मकान बनवाना तो दूर की बात है. अगर सरकार हम लोगों को सुविधा दे रही है तो हम गरीब लोगों तक क्यों नहीं पहुंच रही ? जिसके पास सब कुछ है अगर वह फॉर्म डाले तो उसका आवास आ जाता है और अगर उसी के साथ में कोई गरीब आदमी फॉर्म डाले तो कोई सुनवाई नहीं होती यहां पर जितने भी परिवार रहते हैं सब पात्र और गरीब भी हैं. सभी ने दो–तीन बार फॉर्म डाले कोई सुनाई नहीं हो रही
चेयरमैन का कहना है कि अभी चार–पांच दिन फॉर्म भरे गए हैं जो बात है सभी के फॉर्म भरी गई है अब लिस्ट ऊपर गई हैं जैसे ही आ जाएगी और सर्वे करके सबके आवास बन जाएंगे।
ये समस्या सिर्फ रश्मि और राम प्रसाद की नहीं बल्कि उन सभी लोगों की है जिन्हे प्रधानमन्त्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. और जिनको मिले भी आवास का सत्यानाश हो गया है आपको बता दें की प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार की एक योजना है इस योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को हुआ। इस योजना का उद्देश्य 2022 तक सभी को घर उपलब्ध करना है। इस के लिए सरकार का लक्ष्य 20 लाख घरो का निर्माण करना है. जिनमे से 18 लाख घर झुग्गी –झोपड़ी वाले इलाके में बाकि 2 लाख शहरों के गरीब इलाकों में किया जाना है। इसके लिए सरकार ने 9 राज्यों के 305 नगरों एवं कस्बों को चिह्नित किया है जिनमें ये घर बनाए जाएंगे।इसको सफल बनाने के लिए इसे तीन फेज में है.
पहला फेज अप्रैल 2015 को शुरू किया था और जिसे मार्च 2017 में समाप्त कर दिया गया है इसके अंतर्गत 100 से भी अधिक शहरों में घरो का निर्माण हुआ है।
दूसरा फेज अप्रैल 2017 से शुरू हुआ है जो मार्च 2019 में पूरा होगा इसमें सरकार ने 200 से ज्यादा शहरों में मकान बनाने का दावा है ।
तीसरा फेज अप्रैल 2019 में शुरू हुआ और मार्च 2022 में समाप्त किया जाएगा जिसमे बाकि बचे लक्ष्य को पूरा किया जाना है.
लेकिन इस घर के बनने की रफ़्तार और गुवत्ता किसी से छिपी नहीं है ज़्यादातर आवास का सत्यानाश हुआ है
.प्रधान बिना पैसे के लिस्ट में नाम नहीं जोड़ता तो विभाग बिना चक्कर लगाए
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कौन कर सकता है आवेदन? प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदक की उम्र 21 साल से 55 साल तक हो सकती है। प्रधानमंत्री आवास योजना तहत होम लोन लेने के लिए आवेदकों की सालाना घरेलू आमदनी देखी जाती है। इन्हीं घरों की कैटेगरी के हिसाब से बांटा गया है। जैसे निम्न आर्थिक वर्ग के लोगों को मकान के लिए अधिकतम सालाना घरेलू आमदनी 3 लाख रुपए तय है। इसी तरह कम आय वर्ग के लोगों के लिए अधिकतम सालाना आमदनी 6 लाख तय है। इसी तरह सालाना 12 और 18 लाख रुपये तक की आमदनी वाले लोग भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठा सकते हैं.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितनी मिलेगी सब्सिडी ? –प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी देती है। यानी आपके होम लोन के ब्याज पर सरकार सब्सिडी देती है। –निम्न आर्थिक वर्ग और कम आय वर्ग के आवेदकों को सरकार 6.5 फीसदी की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी देगी। -इसी तरह 18 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वाले लोग 12 लाख रुपये तक के लोन पर तीन फीसदी ब्याज सब्सिडी का लाभ उठा पाएंगे. कैसे मिलेगा सब्सिडी का लाभ? प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आपको होम लोन लेने वाली संस्थान से इस बारे में बात करनी होगी। इसके बाद आपका आवेदन सेंट्रल नोडल एजेंसी को भेजा जाएगा। वहां से फाइनल होने के बाद सब्सिडी की रकम आपके लोन अकाउंट में आ जाएगी। |