कहते हैं कि ज़माना चाहें कितना भी बदल जाए, रुढ़िवादी सोच कभी नहीं बदल सकती। आज भी महिलाएं बच्चा पैदा होने पर 40 दिनों तक कोई भी धार्मिक कार्य नहीं कर सकती। उन्हें उस समय अशुभ या अछूत समझा जाता है। लेकिन यह महिलाएं चूल्हा जला सकती हैं।
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बोलेंगे बुलवाएंगे के इस एपिसोड में हमारी रिपोर्टर नाज़नी रिज़वी ने कुछ महिलाओं और पुरुषों से इस मुद्दे पर बात की। इन सब लोगों का लगभग मिलता-जुलता ही जवाब था कि वह उस दौरान ‘नाजिज़’ यानी ‘अपवित्र’ होती हैं इसलिए वह धार्मिक काम नहीं कर सकती हैं।
लेकिन क्या ऐसा विचार या ऐसा होना ठीक है? आज भी ऐसी सोच रूढ़िवादिकता को बढ़ावा देता है।
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