बाँदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ मुकेश यादव के पास। तो देखतें हैं उनसे मुलाकात के खास अंश बुंदेलखंड का एकमात्र मेडिकल कॉलेज कोरोना महामारी से ठीक होने के लिए मुख्य भूमिका निभा रहा है। यहां के अव्यवथाओं के चलते मीडिया की सुर्खियां बनता रहता है।
पिछले महीने यहां पर ऑक्सीजन और दवाई न मिलने के खूब आरोप लगे। डॉक्टर और नर्स के ऊपर मरीजों की अच्छी देखभाल और समय रहते दवा न करने के आरोप लगाए गए। मरीजों के मौत का जिम्मेदार भी ठहराया गया। दूसरी तरफ वैक्सीएशन को लेकर फैली भ्रांतियों को लेकर उनकी क्या राय है। इन सभी सवालों को जवाब लेने के लिए हम पहुंच गए कॉलेज के प्राचार्य डॉ मुकेश यादव के पास तो देखतें हैं उनसे मुलाकात के खास अंश।
बातचीत के दौरान प्राचार्य बताते हैं कि मेडिकल कॉलेज में पिछले हफ्ते तक कुछ व्यवस्थाएं ज्यादा ही खराब थीं साथ ही स्टॉफ की कमी के चलते कॉलेज प्रशासन के ऊपर तरह-तरह के आरोप लगते रहे। यहां तक कि मरीज के साथ आये परिजन लड़ाई झगड़ा और मारपीट तक कर देते थे। इस बात का उनको दुख है कि कुछ लोगों को वह नहीं बचा पाए यहां तक कि उन्होंने अपने स्टॉप के डॉक्टर भी खोए हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि इस तरह की समस्याओं को बढ़ावा दिया जाय।
इन अव्यवथाओं पर उन्होंने काबू पा लिया है जिलाधिकारी और सीएमओ के सहयोग से। पुलिस सुरक्षा मिल गयी है और ऑक्सीजन का प्लांट भी यहां लग रहा है उसका काम चल रहा है। जहां तक बात रही कोरोना वैक्सीएशन की तो लोगों को वैक्सीन लगवाना बहुत ही जरूरी है। एभी तक में कोई ऐसा केस नहीं जिसकी वैक्सीन लगने के कारण मौत हुई हो। न ही यह वैज्ञानिक आधार पर स्पष्ट हो पाया। हां लोग बीमार हो रहे हैं या फिर मौत हो रही हैं उसके अलग अलग कारण हो सकते हैं। अब गांवों में भी वैक्सीन लगवाई जाएगी। ये काम पूरी तरह से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग देख रहा है।
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