दोस्तों एक तरफ महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत सारे नियम कानून बनाए जाते हैं और कार्यक्रम चलाया जाते हैं लेकिन उसके बावजूद आए दिन लड़कियों के अपहरण के मामले सामने आ रहे हैं।अब इसमें दोषी कोई भी हो लेकिन अगर लड़कियों का अपहरण होता है तब भी समाज लड़कियों को ही गलत ठहराता है और उन्हीं को दोषी माना जाता है।
ऐसा ही एक मामला आज मैं आपके सामने लेकर आई हूं। मामला अयोध्या जैसी फेमस और सरकार के हर विभाग की नजरों में रहने वाली जगह का है जहां महिलाओं की सुरक्षा को लेकर 1090 का दम भरने वाली सूबे की योगी सरकार के नाक के नीचे से नाबालिग लड़की के अपहरण का मामला सामने आया है। भले ही सरकार अपनी पीठ थपथपा रही हो या नारी सशक्तिकरण और बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा लगा रही हो लेकिन अब सरकार की सारी योजनाएं विफल होती नज़र आ रही हैं।
बता दें कि यह मामला अयोध्या जिले के बीकापुर थाने के अंतर्गत आने वाले पातूपुर गाँव का है। जहां 1 मार्च 2021 को सुबह लगभग साढ़े चार बजे शौच के लिए घर का गेट खोलकर निकली लड़की को पहले से घात लगाये बैठे अपहरण कर्ताओं ने अगवा कर लिया और ज़बरदस्ती बाइक पर बैठा कर भाग निकले। पुलिस के काफी प्रयासों के बाद भी लड़की का अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। लड़की की माँ के अनुसार उनकी किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं थी।
उन्होंने बताया कि जब अपहरणकर्ता उनकी बेटी को लेके भागे तब उनके चीख पुकार करने पर आसपास के लोग जाग गए और वे दौड़ कर आये लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लड़की की माँ का यह भी आरोप है कि उनकी लड़की कुछ दिन पहले अपनी बहन के यहाँ भदरसा गांव रामलीला देखने गई थी, तभी से उसके पीछे भदरसा निवासी कलीम नाम का लड़का पड़ा हुआ था। लड़की के परिजनों की मानें तो उन्हें यह बिलकुल नहीं लगा था कि वो लड़का कि इतना बड़ा कदम उठाएगा और लड़की का अपहरण कर लेगा।
परिवार वालों का शक सिर्फ उसी लड़के के ऊपर है। इसकी शिकायत भी परिजनों ने बीकापुर थाने में की है लेकिन अभी तक लड़की का कुछ पता नहीं चला है। इस अपहरण के मामले को लेकर जब हमने और भी थोड़ा गहराई जानना चाहा तो अयोध्या के लोगों का मानना है कि इस शहर में दिन पर दिन क्राइम रेट बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो 1 महीने के अंदर पांच लडकियों के अपहरण के मामले सामने आए हैं, अब यहाँ के लोगों को भी इस चीज से डर लगने लगा है कि वह अपनी बहन बेटियों को किस तरह से सुरक्षित रख पाएंगे।
इसलिए जब भी बहन बेटियां किसी काम के लिए घर से बाहर जाती हैं तो उनके मन में एक डर सा बना रहता है कि वह कब सुरक्षित घर वापस आएं। लोगों का कहना है कि उनको घर के अंदर रख भी नहीं सकते क्योंकि उनके भविष्य का सवाल है जब तक वह बाहर निकल कर अपनी पढ़ाई लिखाई और भविष्य को नहीं संभाल लेंगी तब तक वे आगे नहीं बढ़ पाएंगी। इसी सोच के साथ मजबूरी में उनको बाहर निकलना ही पड़ता है। लोगों का यह भी कहना था कि जिस तरह से महिला सुरक्षा के लिए ढिंढोरा पीटा जा रहा है उस तरह से सुरक्षा के कड़े नियम बिलकुल भी नहीं बने हैं।
अयोध्या का पुलिस प्रशासन अबतक चौकन्ना क्यों नहीं हुआ है? और क्यों अभी तक आरोपी खुले आम घूम रहे हैं। जब हमने इस मामले को लेकर बीकापुर थाना के क्षेत्राधिकारी से बात की तो उनका कहना है कि परिजनों की तहरीर को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा लिख लिया गया है और मुक़दमे में अपराध संख्या 94/21 धारा 363,366 आईपीसी लगी है। फिलहाल आरोपी की तलाश जारी है जल्द ही वह उसको गिरफ्त में लेंगे। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार 1 महीने में पांच लड़कियों का अपहरण हुआ कैसे और पुलिस अबतक क्या कर रही है।
आखिर कब पुलिस इन मामलों में गंभीर होगी और अपनी जिम्मेदारी समझेगी या इसी तरह मामले बढ़ते रहेंगे और प्रशासन कुछ नहीं करेगा। तो दोस्तों यह थी मेरी आज की जासूसी भरी कहानी अगली बार फिर मिलेंगे किसी नए मुद्दे के साथ तब तक के लिए मेरा यह वीडियो देखते रहिए और हां अगर हमारे चैनल को लाइक नहीं किया तो लाइक करें सब्सक्राइब करें और हां कमेंट जरूर करें ताकि आपके उन सवालों का जवाब मैं दे सकूं और अपने दोस्तों के साथ शेयर भी जरूर करें ताकि मेरा हर शो सबसे पहले आप तक पहुंचे तब तक के लिए दीजिए इजाज़त नमस्कार।