देश के पांच राज्यों में 28 नवम्बर 2018 को विधानसभा चुनाव हुए और 11 दिसम्बर को गिनती हुई जिसमें कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा है, तो दूसरी तरफ भाजपा को काफी धक्का लगा, कि आखिर ये हो कैसे गया। कभी सोचा नहीं था, कि कांग्रेस भी हमें हरा सकती है?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और योगी बड़ा ताल ठोक रहे थे, कि भाजपा को कोई नहीं हरा सकता, पर देखते-देखते छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में, जहाँ उन्होंने 15 सालों का रिकार्ड बनाया, अब वहां कांग्रेस को पूर्ण रूप से अपनी जगह प्राप्त हो गई है। इसी तरह राजस्थान, मिजोरम और तेलंगना में भी कांग्रेस ने अपनी जगह बनाई है।
पर असली मामला यह है, कि वहां का मुख्यमंत्री आखिर कौन बनेगा? इसका निर्णय लेना बहुत मुश्किल हो रहा है। क्योंकि जितनी सीटें चाहिए थी उतनी हैं ही नहीं! मध्यप्रदेश में कांग्रेस को 114 सीटें मिली है। छत्तीसगढ़ में 68 सीटें मिली हैं, राजस्थान में 99 सीटें, तेलंगना में 19 सीटें और मिजोरम में 5 सीटें मिली हैं। कांग्रेस का इन पांच राज्यों में खाता तो खुल गया है, पर इसी बीच मुख्यमंत्री चुनना उनके लिए एक कठिन समस्या है।
कांग्रेस का कहना है अब देखना है कि 2019 में भाजपा कहाँ जाती है? जनता तो बहुत खुश है, क्योंकि उनके अनुसार ऐसा बदलाव होना बहुत जरूरी था। लोगों का कहना है कि भाजपा पार्टी ने वादे तो बहुत किये, पर पांच साल पूरे होने के बाद भी जनता के लिए कुछ नहीं किया, बल्कि लोगों को आपस में लड़ाया जरूर है। जितनी भी योजना चलाई गई सब बेकार रहीं किसी को कोई लाभ नहीं मिला।
कहाँ गया मोदी का स्वच्छ भारत मिशन? आडिएफ गांव का सपना? कहाँ गये लोगों के खाते में 15 लाख रूपये डालना? देखना ये है कि आने वाली सरकार अब कैसे काम करेगी। क्या 2019 के लिये अपना दबदबा बना पाएंगी? या पूरी तरह भाजपा को हाँथ ही धोना पड़ेगा? अभी तक किसकी सरकार बनेगी इसका पूर्ण रूप से फैसला नहीं हुआ है। वहीँ जनता के मन में सवाल जरुर हैं कि कहीं कांग्रेस भी भाजपा की तरह काम न करके लोगों को धोका तो नहीं देगी?