दोस्तों इस समय बांदा जिले में हो रही अपराधिक घटनाएं जोरों पर सुर्खियो में है। सुबह नींद खुलते ही ये खबरें पहले ही पढ़ने को मिलती है। कहीं महिलाओं को दहेज के लिए मार दिया जाता है तो कहीं प्रेम प्रसंग में दुष्कर्म के बाद हत्या। ऐसा ही एक मामला इस बार के शो में लेकर आ रही हूं तिन्दवारी थाना क्षेत्र के एक गांव का। जहां महिला की 10 फरवरी को गला रेत कर हत्या करने का मामला सामने आया। इन घटनाओं को सुन और कवरेज करके घुटन महसूस होने लगी है, क्या होगा देश का और बुंदेलखंड के बांदा जिले का।
मेरी जासूसी कहती है कि मृतक महिला का राम प्रसाद पुत्र बाबू से बहुत ज्यादा तालमेल था। हमेशा फोन से बातें भी होती थी। यह चीज महिला के मौत के बाद कॉल डिटेल में भी निकल कर आई है, लेकिन वह व्यक्ति दिल्ली में था। जिसने कबूला है कि उसने हत्या की है। आरोपी का नाम जिया लाल पुत्र मुकेश है। अब गांव और परिवार में लोगों के रोंगटे खड़े हो गए कि आखिरकार उस व्यक्ति से तो कोई लड़ाई-झगड़ा और दुश्मनी भी नहीं थी। ना ही कॉल डिटेल में उससे बात होती हुई निकली तो फिर ऐसा हुआ तो हुआ क्या। घटना के बाद से गांव में इतनी दहशत है कि ग्रामीण लोग अपनी महिलाओं और लड़कियों को घर से बाहर निकालने में डरते हैं और उन पर पाबंदी लगाने लगे हैं।
ये भी देखें – कब तक हाथ पर हाथ धरे बैठा रहेगा पुलिस प्रशासन? जासूस या जर्नलिस्ट
मेरी जासूसी ये भी कहती है कि जब मृतक महिला की लाश खेत में मिली थी तब ना उसके गले में मंगलसूत्र था और ना नाक में बाली थी। नाक छिली हुई थी जिससे साफ पता चल रहा था कि महिला के साथ छीना झपटी हुई है। यहां तक कि कुछ गलत काम की भी शंका जताई जा रही है। जांच के लिए सीआईडी कुत्ता आया था तो वह खेत से ढूंढ़ कर मंगलसूत्र लाया था। यह भी सामने आया कि दुष्कर्म की जो लोगों में शंका है वह नहीं दिखाया गया है। पीड़ित परिवार ने अभी तक प्राथमिक रिपोर्ट नहीं दर्ज की है क्योंकि पुलिस उनको आश्वासन दे रही थी कि वह जांच कर रही है।
घटना के समय फोर्स के साथ बांदा के एसपी भी पहुंचे थे। घटना के 2 दिन बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार करके जेल भी भेज दिया गया है, लेकिन तब से पुलिस पूरी तरह शांत है इसलिए अब पीड़ित परिवार को लगता है कि थाने से कोई कार्यवाही नहीं होगी। पहले वह सोच रहे थे कि इतनी बड़ी घटना है और जब पुलिस जांच में जुटी है तो कार्यवाही करेगी इसलिए आगे नहीं बढ़ रहे थे पर अब वह 156 /3 के तहत कोर्ट से मुकदमा दायर करेंगे।
तिंदवारी थाने के एसओ नरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि मौके पर फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड ने भी मामले की जांच पड़ताल की है। अभी भी जांच चल रही है।
ये भी देखें – क्यों नहीं होती बयानों के आधार पर कार्यवाही- जासूस या जर्नलिस्ट
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’