हेलो दोस्तों, मैं हूं मीरा देवी, खबर लहरिया की ब्यूरो चीफ। मेरे शो राजनीति, रस, राय में आप सबका बहुत बहुत स्वागत है। उन्तीस फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन के साथ चित्रकूट जिले के गोड़ा गांव से बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री मोदी के आने पर बुंदेलखंड के लोगों को कुछ मिले या न मिले पर लोगों को अपने अपने जरूरत की चीजे मिल गईं और कुछ दिन के लिए लोगों को काम मिल गया। जिस गांव में मोदी आये उस गांव की सूरत बदल गई कुछ दिन के लिए। और हां पार्टी के कार्यकर्ताओं को बासी पूड़ी सब्जी और चार पहिया साधन में बैठने का सुख मिल गया।
इतना ही नहीं और कुछ भी मिला कि लोगों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने की सुखद यात्रा के लिए बस सेवा दी गई पर ये गारंटी पहुंचाने भर की थी और तो और लोगों ने मोदी के सुंदर शब्द “मेरे प्यारे भाइयों और बहनों” भी सुनने का आनन्द उठाया। खूब तालियां बजाईं क्योंकि बुंदेलखंड की भोली जनता अपनी जितना खाती है उतना बजाती भी है।
कुछ लोग प्रधानमंत्री मोदी की आवाज़ सुनने को बेताब थे उन्हें उस आवाज के आगे कोई मुख्यमंत्री तक की आवाज नहीं अच्छी लगी बाकी मंत्री, सांसद विधायकों की बात छोड़िए। पर भैया औरते तो परेशान हो रही थीं। मैं देखा कि एक छोटी बच्ची करीब पंद्रह मिनट से बराबर रोये जा रही है और उसकी मां चुप करा रही थी। पूंछने पर महिला ने बताया कि उसको सूसू करना है।
एक पुलिस से उसने पूंछा तो उसको जाने की इजाज़त नहीं मिली। महिला ने चुपके से कुर्सी के नीचे उसको सूसू करा दिया। थोड़ी देर बाद उसको भूख लग गई तो रोना शुरू कर दी। एक दूसरी महिला ने उसको संतरा देकर चुप कराया। फिर आधे घण्टे बाद महिलाए यह बोलने लगीं की पता नहीं मोदी कब बोलना बन्द करेगा। सुबह 8 बजे से एक जगह में कुर्सी में बैठे हैं।
आते वक्त उनके गांव के नेता खाना भी नहीं खाबे दिया। बोले थे कि वहां खाना नास्ता सब मिलेगा। 2 बज गए अब तक कोई पूंछने भी नहीं आया। उनके गांव से दो बस भर कर लोग आएं हैं, सबका यही हाल है।
प्रधानमंत्री मोदी बोलते रहे और ज्यादातर लोग बैठे बैठे सो गए। महिलाएं कुछ देर तक काना फूसी करती रहीं और एक झुंड में उठकर चल दीं। देखते देखते महिला पुरूष की कुर्सियां खाली होती चली गईं। ऐसा लगा जो मोदी भाषण दे रहे हैं वो नहीं सुना जा रहा। उनको पार्टी के नेता और पुलिस रोकती रही पर धीरे धीरे चलते बने।
मोदी के जाने के बाद जो नज़ारा देखने को मिला वह बड़ा ही मनोरंजक था और बुंदेलखंड की सच्चाई बया कर रहा था। बहुत लोगों के बीच बैनर पोस्टर और मिट्टी के घड़े जुगाड़ने की होड़ मच गई। भारत के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे पानी की खाली बोलते इकट्ठे करते दिखे। शायद वह उनको बेच लेंगे। एक नज़ारा रहा कि तीन छोटे बच्चों ने फूलों की माला लादकर सड़क में खुशी से नाचते नज़र आये।
मोदी का पुतला एक व्यक्ति साइकिल में ले जा रहा था। जो कोई सड़क में देखता फ़ोटो खींचते हुए बोलते, “काहे भैया अब मोदी जी साइकिल मा सवार होइहैं का” अरे हां मोदी किस लिए आये थे वह बताना तो मैं भूल ही गई।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे नाम की हाइवे का उद्घाटन करने आये थे। पर उन्होंने बुंदेलखंड के किसानों को लालची भांपते हुए किसान सम्मान निधि योजना को बड़ी मजबूती से पकड़ा और भाषण दे डाले। साथ ही और भी योजनाओं के बारे में बोले।
अगर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और किसान सम्मान निधि योजना के बारे में बात की जाए तो न सभी किसानों को अपनी जमीन का मुआवजा मिला और न ही सभी किसानों को सम्मान निधी योजना का लाभ। ऐसे में किसान कैसे खुश हो सकता है?
पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को देखने जरूर आये थे कि आखिरकार किसान की गाढ़ी कमाई को मारकर दोनों कितने चमकने और दमकने लगे हैं।
अगर अब भी राजनीतिक लोग किसान को नहीं समझ पाए तो धिक्कार है ऐसी राजनीति और राजनीतिक लोगों को। इन्हीं सवालों और विचारों के साथ मैं लेती हूं विदा। अगली बार फिर आउंगी कुछ नए मुद्दे के साथ, तब तक के लिए नमस्कार! और हां हमारे चैनल में जाकर टी-शर्ट जरूर खरीदें। होली के मौके पर भारी छूट का लाभ लें।