किसानों का आरोप है कि खरीद केंद्र के प्रभारी द्वारा उनके साथ शोषण किया जा रहा है। जिसे लेकर बीकेयू के किसान नेता ने एसडीएम को कार्यवाही की मांग करते हुए ज्ञापन पत्र सौंपा है।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के किसान नेता बलराम तिवारी के नेतृत्व में किसानों द्वारा 4 जून को एसडीएम को ज्ञापन दिया गया। जिसमें किसानों ने कहा कि अतर्रा गेहूं खरीद केंद्र वितरण शाखा के प्रभारी केसी शुक्ला किसानों से पल्लेदारी के नाम पर 2 किलो गेहूं प्रति क्यूंट्ल ले रहे हैं। इसके साथ ही किसानों से 30 से 40 किलो गेहूं रेज़ा ( काम करने वाले ) के नाम पर भी लिया जाता है।
इसका अर्थ यह है कि जो लोग केंद्र में साफ़-सफाई और गेहूं को छानने का काम करते हैं। उन लोगों के नाम पर केंद्र प्रभारी किसानों से अधिक गेहूं वसूल करते हैं। जो गेहूं साफ़ करने के दौरान फ़ैल जाता है, उसे भी प्रभारी द्वारा रख लिया जाता है। लेकिन उनके धान की सही प्रकार से तौल नहीं की जाती।
प्रभारी देते हैं किसानो को धमकी
केन्द्र प्रभारी द्वारा क्षेत्रीय पल्लेदारों के ठेकेदार के नाम पर दो लड़के रखे गए हैं। किसानो का आरोप है कि केंद्र प्रभारी द्वारा खुलेआम किसानों का शोषण किया जा रहा है। प्रभारी द्वारा किसानों को धमकी दी जाती है कि वह चाहें किसी से भी शिकायत कर लें, वह उनका कुछ नहीं कर पाएंगे। किसान हफ्तों से अपनी तौल के इंतजार में खड़े हैं। उनकी मांग है कि मामले की जांच कराकर कार्यवाही की जाए।
किसानो ने किया एसडीएम को निवेदन
सरकार द्वारा पल्लेदारी 20 रूपये प्रति क्युंटल की गयी है। बांदा जिले में खुले 65 केंद्रों की यही समस्या है। एसडीएम से किसानों द्वारा निवेदन किया गया कि वह अपने स्तर से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करें। ज्ञापन देने के दौरान बलराम तिवारी, बैजनाथ अवस्थी, राजा भाई शिव नारायण सिंह आदि लोग मौजूद रहें।
15 जून से गेहूं खरीद होगी बंद
किसानों ने बताया कि बांदा चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों जिसमें बांदा, महोबा, हमीरपुर और चित्रकूट आते हैं। इन जिलों में स्थापित अलग-अलग एजेंसियों द्वारा 198 केंद्रों में 31 मई तक कुल 1,31,126.649 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। गेहूं खरीद के बंद होने में अब सिर्फ कुछ ही दिन बाकी हैं। 15 जून से गेहूं की खरीद बंद हो जाएगी।
एजेंसियों में गेहूं बेचने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ रही है। लेकिन कहीं उनको बारदाना ना होने को कहकर तौल नहीं की जा रही तो कहीं पर जगह ना होने को कहकर तौल नहीं की जा रही। जिसके कारण किसानों का गेहूं हफ्तों से मंडियों में पड़ा हुआ है। किसी ने किराये की ट्रैक्टर ट्राली ली है तो किसी का अपना खुद का है। जिसने किराये की ट्रैक्टर ट्राली ली है। उसका किराया भी हर रोज लग रहा है। साथ ही जो पल्लेदारी और इस तरह की चीजों में केंद्र प्रभारियों द्वारा किसानों से ज़बरदस्ती किराया लेकर उनका शोषण किया जा रहा है।
प्राइवेट केंद्रों में कम दामों में बेचने का है डर
किसानों का कहना है कि वह सरकारी केंद्रों में इसलिए आते हैं क्योंकि उनको यहां अच्छा दाम मिल जाता है। अगर वह प्राइवेट में गेहूं बेचेंगे तो उन्हें लागत सही नहीं मिल पाती। सरकारी केंद्रों में 1950 रूपये गेहूं का दाम होता है। वहीं प्राइवेट में 1600 से 1650 सौ तक का ही दाम मिलता है। इसलिए वह लोग सरकारी केंद्रों में ही जाते हैं। लेकिन अब केंद्र बंद होने के कगार पर है। फिर भी अभी तक बहुत सारे किसानों की गेहूं की तौल नहीं हुई है। अगर समय रहते गेहूं की तौल नहीं हुई तो बहुत से किसानों को घाटा झेलना पड़ेगा। कुछ किसान ज़्यादा घाटे से बचने के लिए अपना गेहूं कम दाम में प्राइवेट केंद्रों में बेचने के लिए मज़बूर हो जाएंगे। इसी वजह से किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में गेहूं लादकर केंद्रों में डेरा डाले हुए हैं।
क्रय वर्ष 2021-22 गेहूं खरीद के आंकड़े
चित्रकूटधाम मंडल में अब तक 29,765 किसानों ने अपना गेहूं बेचा है। चित्रकूटधाम मंडल में 1 अप्रैल से रबी क्रय वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं खरीद शुरू की गई थी। लक्ष्यविहीन खरीद में दो महीने में बांदा में 47,630.600 मीट्रिक टन, हमीरपुर में 40,350.700, महोबा में 25,626.850 व चित्रकूट में 17,518.499 मीट्रिक टन की खरीद की गई है।
यह है विपणन शाखा खरीद केंद्र के प्रभारी का कहना
विपणन शाखा खरीद केंद्र के प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि खरीद के आखिरी दौर में किसान बड़ी संख्या में आ रहे हैं। सभी का गेहूं खरीदा जा रहा है। पॉस मशीन में अंगूठा का निशान लेकर किसानों से खरीद की जा रही है।
जनपद केंद्र खरीद (मीट्रिक टन) के लाभांवित किसान
आपकी जानकारी के लिए बता दें, 31 मई तक गेहूं की खरीद की गयी है।
बांदा : 65 47630.600 10,922
हमीरपुर : 53 40350.700 7,805
महोबा : 43 25626.850 6,398
चित्रकूट : 37 17518.499 4,640
कुल योग – 198 131126.649 29,765
किसानों का अभी तक 7204.644 लाख भुगतान बाकी है।
चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों में 31 मई तक 25897.513 लाख के बजाय सिर्फ 18692.870 लाख रुपये भुगतान किया गया है। शेष भुगतान 7204.644 लाख रुपये है। कहा जा रहा है कि बाकी के भुगतान की भी प्रक्रिया तेज़ की गई है। किसानो का कहना है कि गाँव का रास्ता खराब होने से और बारिश की वजह से वह गेहूं बेचने नहीं जा पा रहे थे। किसान ट्रैक्टर में गेहूं भरकर खरीद केंद्र पहुंचे हुए हैं। यहां किसानों की लंबी लाइन लगी हुई है। नंबर आने पर ही उनके गेहूं की खरीद की जाएगी।
यह कोई पहली बार नहीं है कि किसानो को अपने अनाज की तौल के लिए हफ़्तों इंतज़ार करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ किसानो के साथ प्रभारी द्वारा शोषण भी किया जा रहा है। अगर तय समय तक किसानों की तौल नहीं हुई तो क्या सरकार किसानों की मदद के लिए आगे आएगी? या गेहूं खरीद की समय सीमा बढ़ायी जायेगी? प्रभारी के खिलाफ जाँच की प्रक्रिया कब शुरू की जायेगी?
इस खबर को गीता देवी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
कोविड से जुड़ी जानकारी के लिए ( यहां ) क्लिक करें।