Chunavi Bukhar Savdhan, Hindi News, Loksabha Election 2019
चुनाव के माहौल में अपने को सही और अच्छा साबित करने के लिए फ़ेक न्यूज फैलाने के लिए ऐसी पोस्ट देखने के लिए मिलती हैं जिनको पढ़ और देखकर लगता है कि उनका मकसद ही है किसी सच्ची बात का गलत अर्थ निकाल कर, उसको रोमांचक शब्दों से पिरोकर शोसल मीडिया के जरिए लोगों के बीच परोस देना। यह पोस्ट, जाति, धर्म, साम्प्रदायिकता, कुरीतियों और मनगढंत कहानी पर आधारित होती हैं जिसको देख लोग भावनाओं में बह जाते हैं। लोग बहुत ही आसानी से इन पोस्टों को सही मान कर बगैर परखे फॉरवर्ड करते हैं।
2 अप्रैल को कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी किया। जिसमें गरीब असहाय लोगों को सालाना बहत्तर हज़ार रुपए देने की घोषणा के साथ, देश के साथ सम्बंध सुधारने, बार्डर से सेना कम करने जैसे कई अहम मुद्दे शामिल किए गये। उस घोषणा पत्र को देखते ही लोगों के अलग अलग कमेंट आना शुरू हो गये। मैनें फेसबुक और ट्वीटर पर देखा कि खूब पोस्ट साझा की गईं और जमकर इसका विरोध किया गया। किसी ने देश द्रोही कहा तो किसी ने ढकोसले वाला कहा।
हमारे बुंदेलखंड में भी इसका बुरा असर स्पष्ट रूप से देखा गया है कि शोशल मीडिया पर लगातार आने वाली पोस्ट को लोगों ने खूब पढ़ा और शेयर किया। देवराजम नाम के ट्वीटर हैंडल से लिखा गया कि इसके असर से आने वाली पीढ़ियों को बचाना होगा। उसके साथ दस और लोगों ने इसको शेयर किया। जब हमने शेयर करने वाले लोगों से बात की तो उनके जवाब थे जो हमें अच्छा लगा उसको शेयर किया। इसमें कितनी सच्चाई है वह नहीं जानते।
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