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ये कैसी मनमानी सर्वे के नाम पर होती निगरानी?

गांवों में आवास और विकास के नाम पर ड्रोन कैमरे से निगरानी महिलाओं के साथ खुले आम अश्लीलता होना जैसे है क्योंकि गांव और घरों के अंदर रहन-सहन अपने मन मुताबिक होता है। लोगों के लिए एक खुद का घर ही है जिसमें वह अपने को सुरक्षित महसूस करती हैं। पर्दे और घूंघट की जिल्लत से कुछ टाइम के लिए निजात पाती होंगी।

फिर ये ड्रोन कैमरा ऐसी हरकतें क्यों करता है। इस पर हमने रिपोर्टिंग की और महिलाओं से जाना कि वह ड्रोन कैमरे को लेकर क्या कहना चाहती हैं। चित्रकूट जिले के मऊ ब्लाक के दो गांव की कई महिलाओं ने बताया कि 15 जनवरी को उनके गांव और आसपास के गांवों में ड्रोन कैमरा उड़ा कर निगरानी की गई। शुरू में लोग नहीं समझ पाए कि तेज़ी से आवाज करता और उड़ता हुआ हेलीकॉप्टर जैसा यह पक्षी है कौन हो सकता है। गांव के बाहर भीड़ देख कई लोगों ने इसका पता लगाया।

तब पता चला कि यह ड्रोन कैमरा है जो घूमघूमकर गांव की फ़ोटो ले रहा है। महिलाओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए बोलीं कि कैमरा चोरी चुपके क्यों उड़ाया जा रहा है। कम से कम पहले से सूचना तो दे देते। नाम न छापने की शर्त पर एक महिला ने बताया कि वह अपने आंगन में नहा रही थी तभी कैमरे की आवाज सुनाई दी। जब उसको पता चला कि यह कैमरा है तो वह जल्दी-जल्दी कपड़े ढूढने लगी। अब यह फोटो कहां जाएंगी, इसका क्या किया जाएगा, इसका उनको नहीं पता। इसके लिए वह अंधेरे में हैं।

उनको डर है कि इसका गलत इस्तेमाल न हो। एक और महिला ने बताया कि उसके घर शौंचालय नहीं है वह उस समय बाहर खेत की तरफ शौंच ले लिए गई थी तभी ड्रोन कैमरे पर नजर पड़ी उसकी आवाज सुनकर। कहते हैं कि ‘मरता क्या न करता’ वह महिला भी ऐसी स्थिति में भला क्या कर सकती जहां पर कैमरा ऑन ही हो। इस तरह की अंधेरगर्दी को सीधे तौर पर खुले आम यौनिक छेड़छाड़ करना कहना गलत नहीं होगा। अब महिलाओं के साथ यौनिक हिंसा करने का नया तरीका भी आ गया वह भी खुले आम दिन दहाड़े।

लेखपाल सुनील कुमार सिंह ने कहा कि जो पुरानी आबादी बनी हैं उनको ड्रोन कैमरे से सर्वे के बाद मालिकाना हक दिया जाएगा यह शासन का आदेश है। मतलब इस सर्वेक्षण में जितने कर्मचारी थे सबने अलग अलग काम ड्रोन कैमरे के बताए। सूरज कुमार मुर्म, सर्वेक्षक, भारतीय सर्वेक्षण विभाग लखनऊ ने बताया कि उनको सर्वेक्षण का काम दिया गया तो वह कर रहे हैं। यह काम उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से किया जा रहा है। गांव का सर्वेक्षण किया जा रहा है तो उसमें सब तरह के फोटो खिचेंगे चाहे वह महिला हो या पुरुष या फिर और कुछ। कैमरे में कोई कंट्रोल नहीं। ये सारा डेटा वह सरकार को दे देते हैं।