आज देश भर में विरोध प्रदर्शन के स्वर सुनाई दे रहा है कारण है हाल में लागू किया गया नागरिकता संशोधन कानून। इसको लेकर काफी मतभेद है कई लोग इसके पक्ष में है तो कई इसके विरोध में लेकिन सबसे जरुरी बात ये है की इसकी जानकारी हर किसी को नहीं है तो आज हम जानेंगे की ये क़ानून आखिर है क्या ? तो सबसे पहले जानते हैं नागरिकता संशोधन विधेयक है क्या?
इस विधेयक में बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों यानी हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है. ऐसा नहीं है की इस क़ानून में पहले बदलाव नहीं हुए है आपको बता दूँ के अभी तक में इस अधिनियम में पांच बार संशोधन किया जा चुका एक चीज और लोग सीएबी और सीएए क्या है इस में भी कई लोग कन्फ्यूज़न में होंगे तो उन्हें बता दें की ये दोनों एक ही है मतलब सीएबी यानी नागरिकता संसोधन बिल जो संसद में पास होने और राष्ट्रपति के मुहर लगने पर सीएए हो गया यानी नागरिकता संशोधन कानून बन गया. ऐसा नहीं है की बाहरी देश के लोगों को पहले नागरिकता नहीं मिलती थी लेकिन पहले इसके लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था लेकिन अब ये समय 6 साल कर दिया गया है लेकिन नागरिकता उन्ही को मिलेगी जो वैध तरीके से भारत आये है लेकिन जो अवैध तरीके से इस देश में आये है उन्हें या तो वापस उन्हें अपने देश भेजा जाएगा या जेल. अब ये बताने की जरुरत नहीं के इस लिस्ट में मुस्लिम को नहीं रखा गया है तो उन्हें अवैध नागरिक ही समझा जाएगा।मध्यप्रदेश- नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में निकाली गई रैली में हुआ हंगामा
अब सवाल ये उठता है कि इनकी पहचान कैसे की जाय के ये वैध तरीके से यहाँ आये है या अवैध तरीके से इसके लिए आया एनआरसी यानी नेशनल सिटिज़न रजिस्टर. इसे आसान भाषा में भारतीय नागरिकों की एक लिस्ट समझा जा सकता है. एनआरसी से पता लगाया जाएगा कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं. मतलब जिसका नाम इस लिस्ट में नहीं उसे अवैध निवासी माना जाएगा है. अब आप खुद ही समझ सकते है इसका विरोध क्यों हो रहा है. यहाँ लोगों के नाम वोटर लिस्ट, राशन लिस्ट से गायब होता है उनका क्या होगा !