खबर लहरिया Blog आदिवासी बस्ती में पानी की किल्लत 

आदिवासी बस्ती में पानी की किल्लत 

चित्रकूट जिले के ब्लॉक मानिकपुर गाँव किचडी मजरा उमरी के आदिवासी बस्ती में पानी की  किल्लत देखने को मिल रही है| यहाँ 300 आबादी पर एक ही हैन्डपम्प है और कुआँ है भी तो लगभग एक किलोमीटर दुरी पर है| जिसके चलते वह लोग बहुत दिनों से इस समस्या से जुझ रहे हैं| क्योंकि इस बस्ती में ज्यादातर आदिवासी लोग रहते है और भी कई जाती के लोग रहते है पर गिने-चुने रहते हैं|

शिवलाल आदिवासी का कहना है की प्रधान इसमें कोई ठोस कदम नही उठा रहा है एक बोर है यहाँ सरकारी समर सेविल पड़ा है| वह ज्यादा से ज्यादा एक दो घर के लिए पानी देता है अगर दस डिब्बे वहां से पानी भर लो तो खत्म हो जाता है| जो स्कूल के पास हैन्डपम्प है वही एक सहारा है पूरी उमरी गाँव में तीन हैन्डपम्प है, ये तीनो चलते है और पुरे ग्राम पंचायत में लगभग 18 सौ की आबादी है 13 हैन्डपम्प है और इन हैन्डपम्प में थोड़े थोड़े देर पर पानी निकलता है एक दो बाल्टी निकला फिर रुक जाता है और जो सरकारी जल संस्थान वाली पाइप लाइन है,वह सालों से बंद चल रही है और पानी की किल्लत बहुत ज़्यादा है |  

तो वही इन आदिवासी लोगों का कहना है की हम लोगों  को पानी की बड़ी समस्या है यहाँ जो भी हैन्डपम्प है वो दुरी पर है और थोड़ा बहुत पानी मिलता भी है तो वो भी गंदा निकलता है और  पीने योग्य नहीं होता है| यदि वो पानी हम लोग पी ले तो बीमार पड़ सकते हैं| हमारे घर में बच्चे से लेकर महिलाये पानी लाती है और बूढ़े भी पानी लाते है दिन भर पानी ही लाते रहेंगे तो हम लोग अपने घर का काम कैसे करेंगे ज्यादा लोगों को इक्कठा भी नहीं होने देते हैं वइसे ही लॉक डाउन की स्थिति चल रही है सभी को पता है घर में हर चीजों में पानी लगता है| 

 

जैसे नहाने में बर्तन धोंने में शौच के लिए कपडा धोने और खाना बनाने जैसी सब चीजों में पानी कि जरुरत है उस में भी छोटे छोटे बच्चे है तो हम लोग क्या करें कहां से पानी लाये और  अपने घर में काम करें| हम लोगों को वइसे ही कोई सुविधा नहीं मिल पाती है,तो क्या पानी तक के लिए हम नही हैं जो मिल पाए पानी ऐसी चीज है जो सबसे जरुरी है और हमे ये मिलना चाहिए सरकार हमारे ऊपर कोई ध्यान नही देती है|