जिला टीकमगढ़ , ब्लाक जतारा, गाँव बछोड़ा की पानी की खबर देखा जा रहा है बछोड़ा गाँव के लोगों ने बताया हैं कि वैसे तो हम लोग पानीललितपुर: नहर में पानी न छोड़े जाने से गुस्साए किसान, सूखी फसल लेकर दरखास देने आये को लेकर क ई सालों से परेशान है और एक बात यह है कि हमारे गाँव में नल-जल योजना तो सरकार ने कर दी है
लेकिन टंकी भी बनी है और एक साल से हो गये नल भी लगवाये है पर समय से सफलाई नही होती हैं
और ये एक साल हो चुके हैं नल लगवाये गये थे जब हम लोगों से तीन तीन चार चार सौ रुपये लिए गये थे और अभी सफलाई नहीं होती हैं कभी कबार एक दो महिने में एक बार होती है सफलाई अगर कोई अधिकारी लोग आते हैं तो छोड़ देते हैं बरना सफलाई नहीं होती
समय से सफलाई न होने के कारण हम लोगों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ता है हम लोगों को एक किलो मीटर दूर से पानी भरने के लिए जिसके कारण सीना दर्द होता है पैर दर्द होते हैं और दिन में हर घर में कम से कम आठ दस खेप पानी लगता है तो सारा दिन पानी भी नहीं निकल जाता है
न तो कही मजदूरी के लिए जा पाते हैं और न तो समय से खाना पीना खा पाते हैं ऐसी बहुत सी समस्याओं से परेशान है और यहा पर वोट मागने के लिए सभी नेता लोग आते हैं हम लोग बोलते भी है कि पहले पानी व्यवस्था करा दो तो बोल जाते हैं कि हो जायेगी और एक बार टीकमगढ़ भी गये थे कलेक्ट्रेट में लेकिन अभी तक हम लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं
पानी के लिए हम लोगों बहुत परेशान होते है अधिकारी टीकमगढ़ जितेंद्र मिश्रा कार्यपालन यंत्री उनका कहना है कि बछड़ा गांव में नल-जल योजना है उसमें एक पुराना टूवेल है उसमें गर्मियों में पानी सूक जाता है अभी हमने दो स्रोत करवाए हैं हमारे इंजीनियर ने बताया है उनमें से एक स्रोत में पानी अच्छा में मिल गया है
उसमें मोटर पंप डालकर चेक कर रहे हैं अगर कल दोपहर या शाम तक मोटर पंप चल जाता है तो हम वहां पाइप लाइन डालकर टंकी से जोड़कर जल प्रदाय योजना चालू कर देंगे दूसरा वहां स्थाई समाधान के लिए माननीय मंत्री जी की अनुसंसा पर विशेषण सर्वे के बाद 2 करोड़ 53 लाख का डीपीआर तैयार करके शासन को भेज दी गई है जो स्वीकृति की प्रक्रिया मैं है जो स्वीकृत हो जाती है
तो फिर गांव में दूर जहां भी अच्छे स्रोत मिलेंगे उस स्रोतों से पाइपलाइन डाल कर एक नया टंकी का निर्माण करके तथा डुसिशन पाइपलाइन डाल के प्रत्येक घर में नल कनेक्शन देने का प्रबोधन उसमें रखा गया है यह योजना बनने के बाद समस्या समाधान हो सके