खबर लहरिया आओ थोड़ा फिल्मी हो जाए स्वतंत्रता दिवस पर देखिये देशभक्ति से सराबोर फिल्में, आओ थोड़ा फ़िल्मी हो जाएँ

स्वतंत्रता दिवस पर देखिये देशभक्ति से सराबोर फिल्में, आओ थोड़ा फ़िल्मी हो जाएँ

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब ? आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभ कामनाएं। स्वतंत्रता दिवस के दिन पूरा देश देशभक्ति से सराबोर होता है। लेकिन अगर इसमें फिल्मों का तड़का न हो ऐसा तो हो नहीं सकता। तो आज हम ऐसे कुछ देशभक्ति फिल्मों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने देशभक्ति की मिशाल कायम की है तो चलिए फिर हम फ़िल्मी हो जाते हैं।

अगर देशभक्ति वाली फिल्मों की बात हो रही है तो इसमें क्रांति का नाम सबसे पहले आता है. – 1981 में रिलीज हुई इस फिल्म के मुख्य कलाकार थे मनोज कुमार, हेमा मालिनी, दिलीप कुमार, शशि कपूर और शत्रुघ्न सिन्हा। ये फिल्म उस जमाने में ही सुपर हिट नहीं थी बल्कि आज भी लोग इसे बड़े ही चाव से देखते है। फिल्म के गाने देशभक्ति से ओत-प्रोत थे । यह फिल्म उस वक्त जबरदस्त हिट साबित हुई थी । फिल्म की कहानी सलीम-जावेद ने लिखी थी । वहीं फिल्म को मनोज कुमार ने ही डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था। फिल्म ब्रिटिश उत्पीड़कों से लड़ने वाले भारतीय क्रांतिकारी के बारे में यह फिल्म किसी महाकाव्य से कम नहीं है। महान कलाकारों, अच्छे निर्देशन और इसके शक्तिशाली संदेश ने “क्रांति” को एक ऐसी फिल्म बना दिया है जिसे बार-बार देखा जा सकता है।

अगर बात देशभक्ति वाली फिल्मो की हो रही हो तो आप तिरंगा फिल्म को कैसे कोई भूल सकता है। इसके डायलॉग आज भी सुनकर दिल में जोश भर देते हैं। साल 1993 में आई फिल्म में राज कुमार और नाना पाटेकर ने दमदार अभिनय ने चार चांद लगा लगा दिए हैं।

बॉलीवुड के महानायक दिवगंत अभिनेता राज कुमार और नाना पाटेकर ने मेहुल कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म तिरंगा में एक साथ काम किया था। हालांकि फिल्म निर्माता को दोनों के साथ काम करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इस बात का खुलासा मेहुल कुमार ने एक इंटरव्यू के दौरान किया। मेहुल ने बताया कि जब उन्होंने नाना पाटेकर से फिल्म के लिए संपर्क किया, तो नाना ने तुरंत इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया। नाना ने कहा कि वह ‘’व्यावसायिक फिल्में’’ नहीं करते हैं और इस प्रस्ताव को इंकार कर दिया। हालांकि इसके बाद मेहुल कुमार ने एक बार अभिनेता से स्क्रिप्ट पढ़ने कि अपील की, स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद नाना फिल्म में काम करने के लिए तैयार हो गए।

लेकिन फिल्म में काम करने से पहले नाना पाटेकर ने मेहुल कुमार के सामने एक शर्त रखी कि, यदि अभिनेता राज कुमार हस्तक्षेप करते हैं तो वह तुरंत सेट छोड़ देंगे। मेहुल ने नाना से वादा किया कि अभिनेता फिल्म की प्रक्रिया पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे। आपको बता दें दोनों अभिनेता अपनी एक्टिंग के साथ डायलॉग डिलीवरी के लिए भी काफी मशहूर थे। साथ ही अपने अक्खड़ स्वभाव के लिए भी जाने जाते थे।

फिल्म ‘बॉर्डर’ 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित थी, इस फिल्म की कहानी एक सत्य घटना से प्रेरित थी। इस फिल्म में भारत-पाक युद्ध के समय लड़े गए लोंगेवाला युद्ध को विस्तार से समझाया गया है। फिल्म की कहानी 1971 मे हुए भारत-पाकिस्तान की लड़ाई से प्रेरित है, जहां राजस्थान में 120 भारतीय जवान सारी रात पाकिस्तान की टांक रेजिमेंट का सामना करते थे।

फिल्म 1971 के भारत-पाक युद्ध के एलान से पहले के दृश्य से शुरू होती है जहाँ मेजर कुलदीप सिंह (सनी देओल) को 120 जवानों के साथ लोनगेवाला पोस्ट पर भेजा जाता है। वही दूसरी तरफ मेजर बाजवा (जैकी श्रॉफ) को जैसेलमेर में हवाई बेस बनाने का आदेश मिलता है। फिल्म आगे बढ़ते हुए जवानो के परिवारों की कहानी सुनाती है जहाँ धरमवीर (अक्षय खन्ना) की अँधी माँ है और उसकी (धरमवीर की) शादी होने वाली है, भैरव सिंह (सुनील शेट्टी) की सुहाग रात है, रतन सिंह (पुनीत इस्सर) के माता-पिता उसकी राह देख रहे हैं, मथुरा दास की पत्नी बीमार है और उसे छुट्टी चाहिए और कुलदीप सिंह की पत्नी उसके तबादले के लिए ज़ोर लगती है। फिल्म अलग अलग जगह से आए जवानो के बीच बनते रिश्तो पर भी नज़र डालती है।

वैसे देशभक्ति फिल्मो की लिस्ट बहुत लम्बी है. लेकिन हमारे पास समय बहुत कम है तो आप हमें कमेंट कर के जरूर बताइये की इस स्वतन्रता दिवस आपने कौन सी फिल्म देखि। वैसे आपको हमारा ये शो कैसा लगा ये भी बताना मत भूलियेगा। अगर पसंद आया हो तो लाइक और दोस्तों के साथ शेयर जरूर करियेगा। और अगर आपने अभी तक हमारा चैनल सब्स्क्राइव नहीं किया है तो अभी कर ले। और एक बाद कोरोना के केस फिर से बढ़ रहे है तो सब सव्स्थ्य रहें और सुरक्षित रहें मिलते हैं अगले एपिसोड में तब तक के लिए नमस्कार।

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