पीड़ित के परिजनों के मुताबिक़ 16 अप्रैल को जब मरीज़ की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी तब उसके परिजन उसे लोटस अस्पताल लेकर पहुंचे थे।वहां पहुँचने पर मरीज़ को कोविड सेंटर होटल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का कहना है कि रात में करीब 11 बजे मरीज़ को जब सांस लेने की शिकायत हुई तब उसने अस्पताल के कर्मचारियों को आवाज़ दी। जिसके बाद एक वार्ड बॉय मरीज़ के कमरे में गया। वार्ड बॉय ने चेकअप करने के बहाने मरीज़ के गुप्त अंगों को छूना शुरू कर दिया।
भारत इस समय कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह जूझ रहा है। अस्पताल, शमशान घाट, घरों में दहशत का माहौल है। आज भारत के कोने-कोने से इंसानियत के नए उदाहरण निकल आ रहे हैं, जहाँ लोग अपनी जान जोखिम में डालकर मरीज़ों को मुफ्त ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा से लेकर दवाइयां तो मुहैया करवा रहे हैं। वहीँ ऐसे हालात में कुछ अमानवीय व्यक्ति शर्मनाक वारदातों को भी अंजाम दे रहे हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के ग्वालियर ज़िले का एक ऐसा ही दरिंदगी का मामला सामने आया है, जहाँ एक निजी अस्पताल के वार्ड बॉय ने कोरोना पॉजिटिव मरीज़ के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की।
अस्पताल के कमरे में दो बार की बलात्कार करने की कोशिश-
बता दें कि यह मामला 16 अप्रैल का और एक होटल का है जिसे कोविड अस्पताल में बदल दिया गया है। पीड़ित के परिजनों के मुताबिक़ 16 अप्रैल को जब मरीज़ की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी तब उसके परिजन उसे लोटस अस्पताल लेकर पहुंचे थे। वहां पहुँचने पर मरीज़ को कोविड सेंटर होटल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का कहना है कि रात में करीब 11 बजे मरीज़ को जब सांस लेने की शिकायत हुई तब उसने अस्पताल के कर्मचारियों को आवाज़ दी। जिसके बाद एक वार्ड बॉय मरीज़ के कमरे में गया। वार्ड बॉय ने चेकअप करने के बहाने मरीज़ के गुप्त अंगों को छूना शुरू कर दिया।
शुरुआत में तो महिला को लगा कि शायद यह चेकअप की प्रक्रिया होगी, लेकिन थोड़ी ही देर बाद महिला को अंदाजा हो गया कि वार्ड बॉय उसका शोषण करने की कोशिश कर रहा है। महिला के चिल्लाने पर उस समय तो वो वहां से चला गया लेकिन करीब 12 बजे वो दोबारा मरीज़ के कमरे में आ गया। वार्ड बॉय ने कमरे की अंदर से चिटखिनी बंद करी और अश्लील हरकतों के साथ महिला के साथ दुष्कर्म करने लगा। मरीज़ के दोबारा ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने पर अस्पताल के संचालक मौके पर पहुँच गए और वार्ड बॉय को पकड़ लिया।
पुलिस ने दूसरे दिन किया आरोपी को गिरफ्तार-
परिजनों के मुताबिक संचालक ने वार्ड बॉय को परिजनों के हवाले न करके उनसे तुरंत पुलिस में एफआईआर दर्ज करने को कहा। परिजनों ने रात भर पुलिस के पास इस मामले की शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन सुबह जाकर पुलिस ने कार्यवाही शुरू करी। ग्वालियर की पुलिस अधीक्षक हितिका वासल ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित महिला की उम्र करीब 50 वर्ष है और उसके साथ शारीरिक शोषण होने से पहले ही महिला ने शोर मचाकर अपनी जान बचा ली। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आरोपी वार्ड बॉय विवेक लोधी जिसने दो बार महिला के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। और इस पूरे मामले पर केस दर्ज कर लिया है।
इस मामले की खबर अस्पताल में मौजूद अन्य लोगों को मिलते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया। और सभी का यही कहना है कि अस्पताल में ज़्यादातर मरीज़ कोरोना वायरस के शिकार हैं, जो इस समय अपने जीवन की जंग लड़ रहे हैं। ऐसे में अगर अस्पताल में मौजूद कर्मचारी ही हैवान बन जाएंगे तो फिर मरीज़ आखिर कहाँ अपनी जान बचाने जाएँ?
जो लोग अपनी जान बचाने सबसे पहले अस्पताल की ओर भागते हैं, अगर महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले ऐसे ही सामने आते रहे तो लोग अस्पताल जाने में भी डरेंगे। देखा जाए तो गलती अस्पताल की नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ ऐसी घटिया मानसिकता रखने वाले उस वार्ड बॉय की है, जिसने इस महामारी के बीच में ऐसी दरिंदगी को अंजाम दिया। जहाँ एक तरफ लोग कोरोना वायरस की चपेट में आकर दम तोड़ रहे हैं, तो वहीँ अभी भी न जाने कितनी ऐसी महिलाएं हैं, जो इस बीमारी के साथ शारीरिक शोषण का भी शिकार हो रही हैं। एक न एक दिन इस वायरस से तो हमें छुटकारा ज़रूर मिल
जाएगा लेकिन देश की महिलाओं को ऐसे हैवानों से छुटकारा कब मिलेगा, यह किसी को नहीं पता।
इस खबर को खबर लहरिया के फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।