एसएसपी ने कहा, “आपत्ति दर्ज करने के लिए 15 दिनों का पर्याप्त समय दिया गया था, लेकिन कोई भी नहीं आया और मालिक, अनिल उपाध्याय और उनके सहयोगी, एक निजी पार्टी ने रविवार को दोपहर में चारदीवारी का निर्माण शुरू कर दिया। शाम करीब 5 बजे आरोपी पहुंचे, दीवार को नुकसान पहुंचाया और हिंसा भड़का दी।”
यूपी के एटा के जलेसर में भीड़ ने हजरत इब्राहिम की दरगाह के पास 24 बीघे जमीन को वक्फ की जमीन होने का दावा किया। इस सम्बन्ध में भीड़ ने पथराव और आगजनी की जिसमें कई लोग घायल हुए। यह घटना संभल हिंसा वाले दिन यानी रविवार 24 नवंबर 2024 को ही घटी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस घटना में अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने 16 नामजद और लगभग 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। एटा में स्थिति नियंत्रित रहे इसके लिए पुलिस अलर्ट पर है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने इसकी जानकारी सोमवार 25 नवंबर 2024 को दी। यह हिंसा तब भड़क गई जब एटा के जलेसर से सटे एक जमीन की बाउंड्री को तोड़ा गया। जिसमें भीड़ ने आरोप लगाया कि यह जमीन वक्फ की सम्पति है। भीड़ ने इसके बाद पथराव किया और एक दर्जन से अधिक वाहनों को नुकसान पहुँचाया। इस तरह से भीड़ ने हिंसा का रूप ले लिया। हिंसा की जानकारी मिलते ही एसएसपी श्याम नारायण सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजकुमार सिंह मौके पर पहुंचे। इसके बाद शांति स्थापित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए। इसके साथ ही इलाके में पुलिस फोर्स ने फ्लैग मार्च किया।
दो आरोपी गिफ्तार
इस घटना में दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपी की पहचान फरमान उर्फ बंटी और रफीक पुत्र अब्दुल लतीफ के रूप में की गई।
निजी ज़मीन को बताया वक्फ की जमीन
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि जलेसर देहात ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाली यह जमीन ग्राम प्रधान मनोज यादव ने सतीश चंद्र उपाध्याय और प्रकाश चंद्र उपाध्याय से खरीदी थी। उन्होंने रविवार 24 नवंबर को इसके चारों ओर चारदीवारी (बाउंड्री) का निर्माण शुरू किया था। इसे देख दूसरे पक्ष ने दावा किया कि यह जमीन वक्फ की है।
जमीन पर आपत्ति दर्ज करने के लिए 15 दिनों का दिया था समय
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्याम नारायण सिंह ने मामले पर साफ़ किया कि भूमि का सीमांकन (नपाई) 6 नवंबर को नई दरगाह समिति के सदस्यों की मौजूदगी में किया गया था। एसएसपी ने कहा, “आपत्ति दर्ज करने के लिए 15 दिनों का पर्याप्त समय दिया गया था, लेकिन कोई भी नहीं आया और मालिक, अनिल उपाध्याय और उनके सहयोगी, एक निजी पार्टी ने रविवार को दोपहर में चारदीवारी का निर्माण शुरू कर दिया। शाम करीब 5 बजे आरोपी पहुंचे, दीवार को नुकसान पहुंचाया और हिंसा भड़का दी।”
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