जिला ललितपुर, गाँव खजुरिया के लोगों का कहना है कि उनके आवास नहीं बन रहे हैं और वे कई साल से परेशान हैं। ये सब गरीब लोग हैं मजदूरी करके पैसे कमाते हैं। एक व्यक्ति का तो घर भी गिरा पड़ा है, लेकिन 2 महीने हो गए और उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है न ही कोई जांच करने के लिए आया है। उसका पूरा घर उसी में रहने के लिए मजबूर है। गाँव वासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोगों का लिस्ट में तो नाम है फिर भी उनके आवास अभी तक नहीं बने हैं, हर बार लिस्ट में नाम आता है और अचानक से कट जाता है।
वे शिकायत करने के लिए भी नहीं जाते हैं क्योंकि उन्हें पता नहीं है की कहा जाना है और शिकायत करने के लिए जाएंगे तो किराय के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है। लोग मजदूरी करके बच्चों का पेट नहीं भर पा रहे मकान कहां से बनाएंगे। कच्चे घर हैं इसलिए बच्चों की शादी तक नहीं हो रही है शादी वाले आते हैं तो लौट जाते हैं कहते हैं कि तुम्हारे यहां रहने के लिए घर नहीं है हम अपनी लड़की की शादी कैसे करेंगे? गाँव के लोग चाहते हैं कि अगर सरकार आवास दे रही है तो उन लोगों को भी मदद मिलनी चाहिए।
बिरधा के खंड विकास अधिकारी, दीपेंद्र पांडे का कहना है कि उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है ना ही उन्हें इसकी जानकारी है। हां जो लोग रह गए हैं उन सब के 2022 तक आवास बनेंगे। उनका कहना है कि हमारे द्वारा उन्हें पता चला है इस बारे में और अब वो कल ही सेक्रेक्टरी को भेजकर जाकर जांच करवाएंगे फिर कार्रवाई करेंगे।