टीकमगढ़ ज़िले के नवीन दरगुवाँ गाँव में पानी की टंकी होने के बावजूद भी पिछले 5 सालों से पानी का नामोनिशान नहीं है। बता दें कि टीकमगढ़ में सुजारा बाँध बनवाने के चलते कुछ लोगों की ज़मीनें डूब क्षेत्र में चली गई थी, जिसके बाद सरकार की तरफ से लगभग 50-60 परिवारों को इस गाँव में कॉलोनी दी गई थी और साथ ही मुआवज़ा भी दिया गया था। लेकिन आज सवाल यही उठता है कि ऐसी कॉलोनी का क्या फायदा जहाँ कोई सुविधा ही न हो।
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लोगों ने बताया कि उन्हें पानी लाने के लिए मीलों दूर चलकर जाना पड़ता है और तालाब से पानी लाना पड़ता है। इसी तालाब से गाँव के पशु भी पानी पीते हैं, लेकिन लोग मजबूर हैं उनके पास पानी का कोई दूसरा स्त्रोत नहीं है। गाँव में सिर्फ दो हैंडपंप हैं और दोनों ही ख़राब पड़े हैं। ऐसे में पानी की किल्लत गाँव में बड़ी समस्या बनी हुई है।
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सुजारा बांध परियोजना के अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री बीपी अहिरवार ने ऑफ कैमरा बताया कि लोगों को मुआवजा देने के साथ कॉलोनी भी दी गई थी लेकिन अगर उस कॉलोनी में पानी, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र निर्माण की समस्या है तो ग्रामीणों को विभागीय अधिकारियों से बात करनी चाहिए।
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उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास अब तक पानी की समस्या की शिकायत नहीं आई है, लेकिन अब वो इस मामले में जांच करवाएंगे और फिर तुरंत कार्यवाही की जाएगी।
ज़िला टीकमगढ़ के सीईओ संजीव कुमार गोस्वामी ने बताया कि कॉलोनी में पानी की टंकी तो है लेकिन वहां पर पानी की समस्या है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने इस मामले की जांच कराने की बात कही है और साथ ही ये भी कहा है कि कॉलोनी में पानी की समस्या का हल निकाला जाएगा।