बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान के छात्रों ने नारियल के छिलके से 1000 घोसले बनाने का संकल्प लिया है। छात्रों ने बताया कि क्यूंकि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, पक्षियों के लिए भी दिक्कत बढ़ती जा रही है। उन्हें पानी की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ता है, लेकिन अगर जगह-जगह पानी मौजूद होगा तो उनके लिए भी आसानी होगी। और मिट्टी या प्लास्टिक के बर्तन में पानी रखने से बेहतर होगा कि इको-फ्रेंडली तरीके से नारियल के छिलके और गोले का इस्तेमाल किया जाए।
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पहले छात्र-छात्राएं नारियल के छिलके इकट्ठा करते हैं, इन नारियलों को फिर पेंट किया जाता है और इनमें डोरी बाँधी जाती है। अब नारियल का गोला चिड़ियों को पानी देने के लिए तैयार है। अब पेड़ों में इसे लटकाने के लिए कील फँसाई जाएगी और इसे अब पेड़ के ताने में लटका दिया जाएगा।
इन छात्र-छात्राओं ने यह भी कहा है कि अगर कोई इन नारियल के गोलों को खाली देखे तो इसमें पानी भी भर दे।
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