जिला वाराणसी गांव की सुरक्षा गोबर से स्वरोजगार घर बैठे महिलाओं का सपना होगा साकार मेहनत के बल पर कदम को आगे बढ़ाते रीता तिवारी।
नगर क्षेत्र यमुना नगर कॉलोनी की रहने वाली रीता तिवारी का कहना है कि आज के 5 साल पहले उनके मन में सपना था कि वह भी उन महिलाओं के साथ कुछ करें ताकि उन्हें घर बैठे रोजगार भी मिले और जिस तरह से लगातार पशुओं पर हो हिंसा को लगाम लगायें। जैसे की गौशाला तो बन गया लेकिन न ठीक से चारा मिल रहा है नहीं पशुओं की देखभाल हो रही है।
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गाय कहीं रोड पर भटकती मिल रही है तो कहीं उन्हें बचाने में हादसे हो रहे हैं।रीता बताती हैं कि ऐसे सोचकर हमारे मन में आया की क्यों ना हम इनके गोबर का कुछ बनाए तभी से हमने एक ट्रेनिंग लिया।इस काम को मैंने अकेले ही शुरू किया था और अब गमले मूर्तियां दिवाली का दीया कई प्रकार की चीजें उपलब्ध हैं।छोटे-छोटे खिलौने कई प्रकार की माला भी बनती है।राखी के समय हम लोगों ने राखी बनाई थी ताकि लोग शुद्ध राखी का इस्तेमाल हो चाइना राखी को न इस्तेमाल करें।
शुरू में तो मुझे थोड़ा से चुनौती का सामना करना पड़ा क्योंकि मैं अकेले शुरू की थी और मुझे लगा कि मैं नहीं बना पाऊंगी लेकिन आज का जो दौर है 4 साल में मैंने चार गौसाले भी गोद लिया है। आज मुझे खुशी होती है कि मैंने कम से कम 100 महिलाओं को इस गोबर से रोजगार मिल रहा है लेकिन मेरा लक्ष्य कम से कम 10000 महिलाओं का है।हम हर हाथ को मैं रोजगार दो ताकि घर बैठे उन महिलाओं को काम मिले और गौमाता भी सुरक्षित रहें। 1 दिन में मेहनत लगती है लेकिन 2 दिन में पूरे तैयार हो जाते हैं इसको भेजने के बाद 400 से ₹500 कमा लेते हैं और महिलाएं अपनी जरूरत पूरी कर लेती हैं।
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