लोक समिति और आशा ट्रस्ट ने एक एम्बुलेंस के साथ हेल्पलाइन नंबर जारी कर इस एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह एम्बुलेंस अब गाँव-गाँव जाकर ग्रामीणों को दवाइयां वितरण करेगी।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी ज़िले के मिर्जामुराद थाने के अंतर्गत आने वाले गाँव नागेपुर में लोक समिति और आशा ट्रस्ट ने कोरोना महामारी के दौरान मज़दूरों से लेकर गरीब परिवारों की दिल खोल कर आर्थिक सहायता करी है। इन लोगों ने गरीब परिवारों को खासकर दिहाड़ी मज़दूरों की पिछले कुछ महीनों में काफी मदद की। राशन वितरण, वैक्सीन जागरूकता, मज़दूरों को खाने के पैकेट देना ये सभी काम ये दोनों संस्थाएं अभी तक करती दिख रही हैं। इस समिति के सदस्यों का कहना है कि उनका एकमात्र दायित्व बेसहारा लोगों की इस कठिन घड़ी में मदद करना है।
13 जुलाई को इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए लोक समिति और आशा ट्रस्ट ने एक एम्बुलेंस के साथ हेल्पलाइन नंबर जारी कर इस एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अभियान से वो वाराणसी के दूरदराज के क्षेत्रों में रह रहे ग्रामीणों तक पहुंचना चाहते हैं। यह एम्बुलेंस अब गाँव-गाँव जाकर ग्रामीणों को दवाइयां वितरण करेगी, साथ ही उन्हें अगर और भी किसी चीज़ की ज़रूरत होगी तो वो ज़रूरतें भी इस एम्बुलेंस की सहायता से उनतक पहुंचाई जाएंगी।
कोरोना महामारी के दौरान भी करी ग्रामीणों की सहायता-
नागेपुर गाँव की रहने वाली सीमा का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान इन दोनों संस्थाओं ने गरीबों की काफी मदद करी। लोगों के रोज़गार जा चुके थे, गरीब और मज़दूर वर्ग एक-एक रोटी के लिए तरस रहे थे, ऐसे में लोक समिति और आशा ट्रस्ट ने न ही सिर्फ गरीबों को राशन बांटा बल्कि आसपास के गावों में किशोरियों को पोषाहार भी बांटा।
इसी गाँव के रहने वाले मनोज ने हमें बताया कि 13 जुलाई को भी संस्था ने मज़दूरों को गमछे, मास्क और सैनिटाइज़र बांटे। इसके साथ ही इन लोगों को खाने के पैकेट भी मिले। गाँव वाले इस नयी एम्बुलेंस सुविधा और हेल्पलाइन नंबर जारी होने से भी काफी खुश हैं। इन लोगों का कहना है कि अब उन्हें दवाई लाने के लिए शहर की ओर नहीं जाना पड़ेगा और न ही घंटों वाहन के इंतज़ार में बैठना पड़ेगा, इस एम्बुलेंस की मदद से वो मरीज़ों को भी समय पर अस्पताल पहुंचा सकते हैं।
अब समय पर अस्पताल पहुँच सकेंगे मरीज़-
लोक समिति के सदस्य नंदलाल मास्टर का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को पीएचसी तक पहुंचाने के लिए इस मोबाइल वैन को 13 जुलाई से संचालन में लाया गया है। इसकी मदद से संस्था के सदस्य गावों में जाकर दवाई और राशन वितरण के साथ-साथ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए भी जागरूक करेंगे। उन्होंने बताया कि जैसा कि खबरें आ रही हैं कि जल्द ही कोरोना की तीसरी लहर भी आने वाली है, ऐसे में ज़रूरी है कि ग्रामीणों को इससे बचाव के लिए जागरूक किया जाए। इस एम्बुलेंस का उद्घाटन पूर्व राज्य मंत्री सुरेंद्र पटेल ने हरी झंडी दिखाकर किया।
संस्था के कुछ सदस्यों ने हमें यह भी बताया कि इस मोबाइल वैन की सहायता से ये लोग अलग-अलग जगहों में कैंप लगाकर लोगों की परेशानियां भी सुनेंगे, और अगर किसी मरीज़ को स्वास्थ्य केंद्र ले जाना हुआ, तो उसको भी समय से अस्पताल पहुंचाएंगे।
पूर्व राज्य मंत्री सुरेंद्र पटेल का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान लोक समिति और आशा ट्रस्ट दोनों संस्थाओं ने निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद की है। इन लोगों ने असहाय परिवारों को राशन पहुंचाने के साथ-साथ किशोरियों और गर्भवती महिलाओं की भी मदद करी। उन्होंने बताया कि इस गाँव के ग्रामीणों को दवा और इलाज के लिए 6-7 किलोमीटर पैदल चलकर शहर तक जाना पड़ता था लेकिन अब इस मोबाइल वैन की मदद से इन लोगों का समय पर इलाज हो सकेगा।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुशीला द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
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