पूरे देश की तरह वाराणसी ज़िले में भी कोरोना महामारी ने बुरी तरह अपने पैर पसार लिए हैं। न ही अस्पतालों में बेड हैं, और न ही ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा उपलब्ध है, इसके साथ ही अब तो शमशान घाट में लाशों को जलाने और दफनाने के लिए भी परिजनों को लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते केसेस के चलते वाराणसी में 2 दिन की साप्ताहिक बंदी भी घोषित कर दी गई है और शहर के कोविड कमांड सेंटर के एम एल सी एके शर्मा ने लोगों से अपील भी करी है कि वो सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी न करें और ज़्यादा से ज़्यादा अपने आसपास सफाई बना कर रखें। लेकिन जहाँ एक तरफ अधिकारी जनता से साफ़-सफाई करने की अपील कर रहे हैं, वहीँ दूसरी ओर शहर में कई जगहें ऐसी हैं जहाँ कई दिनों से कूड़ा भी नहीं उठाया गया है।
बता दें कि वाराणसी के कई मुख्य स्थानों पर पिछले हफ्ते सैनिटाईज़ेशन अभियान चलाया गया था ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में कुछ मदद मिले। लेकिन शहर के कई मोहल्लों और गलियों में अभी भी सफाई का नामोनिशान नहीं दिख रहा है।
कूड़ा न उठने से फ़ैल रही है बदबू और बढ़ रही है गंदगी-
नगर क्षेत्र पांडेपुर पचकोसी में काली जी मंदिर की ओर जाने वाली सड़क और आसपास की गलियों में न ही सफाई हुई है और न ही वहां से कूड़ा-कचरा उठाया गया है। गंदगी के कारण काफी बदबू और मच्छर हैं जिससे आसपास बने घरों में रह रहे लोगों को भी काफी दिक्कत हो रही है। इस क्षेत्र के रहने वाले राजू का कहना है कि उनके मोहल्ले में सफाई का साल भर यही हाल रहता है।
कभी तो कूड़ा उठ जाता है, लेकिन कभी-कभी दो-तीन दिन बीत जाते हैं और कूड़ा नहीं उठता। कूड़ा पड़े रहने से और सफाई न होने से आसपास बनी दुकानों में और आने-जाने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई लोगों का कहना है कि सरकार के दिशानिर्दशों के अनुसार कोरोना वायरस से बचने के लिए ज़रूरी है कि आसपास साफ़-सफाई रहे। लोग अपने घरों में तो सफाई कर रहे हैं लेकिन सड़कों पर सफाई न होने से कोरोना संक्रमण और बढ़ने का खतरा है।
नगर निगम नहीं कर रहा कोई सुनवाई-
यहाँ रहने वाली रुकमनी देवी का कहना है कि सड़कों की सफाई की ज़िम्मेदारी नगर निगम की है लेकिन शहर के मुख्य स्थानों की तो सफाई हो जाती है लेकिन इन छोटी-छोटी गलियों में सफाई करने कोई नहीं आता। उन्होंने बताया कि अगर सफाई होती भी है तो कचरे को यहीं किनारे छोड़ दिया जाता है और कोई उसे उठाने नहीं आता।
यहाँ रहने वाले लोगों का कहना है कि नगर निगम को इस समय सोचना चाहिए कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए ही गली और सड़कों पर सफाई करवाएं ताकि इसके संक्रमण से आम लोग बच सकें। इस समय लोग वैसे ही इतना डरे हुए हैं कि वो अपने घरों को साफ़ रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे लेकिन जो गंध बाहर से घरों में घुंस रही है उससे बचाव का कोई इलाज नहीं निकल पा रहा।
सुनील ने हमें बताया कि उनकी गली में लगभग एक माह से सफाई नहीं हुई है और चारों तरफ कूड़े का ढेर जमा हुआ है। इन लोगों ने अपने क्षेत्र के सभासद से इसकी शिकायत भी की लेकिन उन्होंने भी अबतक कोई सुनवाई नहीं की है।
कोरोना वायरस के कारण सफाई कर्मी हैं छुट्टी पर-
सभासद जय सोनकर के भाई राकेश सोनकर ने इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए हमें बताया कि जय सोनकर कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। और जब तक वो ठीक नहीं हो जाते तब तक राकेश ही क्षेत्र के सारे काम देख रहे हैं। राकेश का कहना है कि उनके क्षेत्र में 32 सफाई कर्मी हैं, जिनमें से कुछ लोग अभी बीमार हैं और कुछ लोग कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण काम पर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में सड़कों की सफाई करवाना थोड़ा मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पिछले डेढ़ साल से सफाई का कोई बजट भी नहीं आया है जिसके कारण गली-महल्लों की स्वच्छ्ता को लेकर अभी समस्या चल रही है। उन्होंने कूड़ा न उठने की समस्या को संज्ञान में लिया है और कहा है कि वो जल्द से जल्द हर जगह पर सफाई का कार्य शुरू करवाएंगे।
जैसा कि हम जानते हैं कि कोरोना वायरस गंदगी के कारण भी फैलता है, ऐसे में ज़रूरी है की घर की स्वच्छता के साथ-साथ गलियों और सड़कों में भी बराबर सफाई होती रहे। सरकार को इस समय पर ख़ास तौर से सफाई-सुथराई की ओर ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर गली-सड़क में रोज़ाना सफाई हो और वहां का कूड़ा उठे।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुशीला द्वारा रिपोर्ट एवं फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।