27 जुलाई को रूबी नाम की महिला, जिसकी उम्र 26 साल थी, डॉक्टरों की लापरवाही उसकी मौत हो जाने का आरोप है। उसके परिजनों के मुताबिक रूबी ने 20 तारीख को नसबंदी का ऑपरेशन करवाया था। ऑपरेशन के बाद जब वह घर आयी तबसे उसकी हालत बिगड़ती ही जा रही थीं। जब उसके अंदर कोई सुधार देखने को नहीं मिला तो उसके घर वाले 26 जुलाई 2022 को उसे दोबारा अस्पताल लेक गये। उसका ऑपरेशन जिस डॉक्टर ने किया था वह उस समय वहां नहीं था। न ही वह आने फ़ोन का जवाब दे रहा था। इसके बाद महिला को बीएचयू के ट्रामा सेंटर में ले जाने की भी सलाह दी गयी। पैसे की कमी होने की वजह से महिला के परिजनों ने कबीर चौरा अस्पताल में डॉक्टर का इंतज़ार करना ही ठीक समझा। लेकिन रूबी की पेट में हो रही तकलीफ़ की वजह से अस्पताल में ही उसकी मौत हो गयी।
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खबर लहरिया से हुई बातचीत में मृतिका के देवर ने बताया कि उन्होंने इस मामले की कार्यवाही के लिए पुलिस थाने में बात करने की सोची लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें यह कह कर रोक दिया कि वह ताकतवर लोग हैं, तुम्हारे केस के बारे में कोई सुनवाई नहीं होगी। उनके परिजनों का बस इतना कहना है कि उन्हें इंसाफ़ चाहिए। उनके साथ बहुत ग़लत हुआ है। उनके दो छोटे बच्चे है जो अब बिन माँ के अपनी ज़िन्दगी जीने वाले हैं। उन्हें अब कोई देखने वाला नहीं रहा क्योंकि उनके पिता शराब की लत में रहते हैं।
जब कबीर चौरा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से खबर लहरिया ने बात की तो उन्होंने इस मामले पर बस इतना कहा कि जब तक पोस्टमॉर्टम नहीं हो जाता यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता कि महिला की मृत्यु किस कारण से हुई है।
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नसबंदी क्या है?
जानकारी के लिए बता दें, महिला नसबंदी में अंडाशय से गर्भाशय तक अंडे ले जाने वाली फेलोपिन ट्यूब को या तो बंद कर दिया जाता है या फिर काट दिया जाता है ताकि अंडे गर्भ तक न पहुंच सके और महिला गर्भ धारण न कर सके। आमतौर पर महिलाएं इसका सहारा इसलिए लेती है ताकि वह और बच्चे पैदा न कर सके।
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