जिला वाराणासी में चिरईगांव गोवंशों के संरक्षण के दावे का पोल छितौनी गांव में स्थित एक निजी बाउंड्री में कैद गोवंशों की स्थिति खोलने के लिए काफी है।वहीो के गांव के लोग मुन्नी देवी अनिल सिंह डब्ल्यू प्रजापति हिरा यादव अन्य के बताये अनुसार भी बाउंड्री में कैद एक गोवंश का शव पड़ा था।
जिसे पक्षी नोच कर खा रहे थे।बाउंड्री के अन्दर की स्थिति देख मानवता भी शर्मा जायेगी वही विकास खण्ड में अभी तक एक भी पशु आश्रय गृह का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। जिम्मेदार अधिकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बीडीओ चिरईगांव विक्रमादित्य सिंह मलिक का कहना है कि जल्द ही छांही और मोकलपुर गांव में पशु आश्रय गृह चालू हो जायेंगे।वहीं शिफ्ट कराया जायेगा। उल्लेखनीय है कि छितौनी गांव के किसानों ने लगभग डेढ़ माह पूर्व गोवंशों को इकट्ठा कर एक निजी बाउंड्री में बंद कर पुलिस प्रशासन को अवगत कराया।
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तब एसडीएम सदर महेन्द्र कुमार श्रीवास्तव जिला पशुचिकित्साधिकारी डा वीबी सिंह मौके पर पहुंच कर गोवंशों को जल्दी ही भेजवाने की बात कही थी।जब तक यहां गोवंश यहां रहेंगे तब तक उनके चारेपानी की व्यवस्था ग्रामप्रधान छितौनी की देखरेख में करने का निर्णय लिया गया।
भूसे की व्यवस्था एक एनजीओ ने लिया उसके बाद भी गोवंशों के रखरखाव में दुर्व्यवस्था हावी रही। बाउंड्री में कैद 43 गोवंशों में से इस समय में 33 गोवंश बचे छितौनी गांव के निजी बाउंड्री में कैद गोवंश के मरने की सूचना मिलते ही पशुचिकित्साधिकारी चिरईगांव को मृत गोवंश के पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया।
पशुचिकित्सक डा आर ए चौधरी पोस्टमार्टम हेतु मौके पर गये।कैद गोवंशों के भूख और प्यास का अंदाजा वहां पहुंचने पर ही लग जा रहा है।किसी के आने की आहट लगते ही गोवंश चिल्लाने लग रहे है।वहां पर पानी के लिए खोदे गये गड्ढें भी सूख गये है।ग्रामप्रधान पति केशव का कहना है कि गोवंशों को चारेपानी की कमी नही है।जबकि बाउंड्री के अन्दर मृत गोवंशों की दिख रही हड्डियां स्थिति बया करने के लिए अधिक है।