खबर लहरिया ताजा खबरें वाराणसी: स्कूल जा रही छात्रा की बीच सड़क पर युवक ने भरी मांग, आखिर कहाँ है एंटी-रोमियो स्क्वॉड ?

वाराणसी: स्कूल जा रही छात्रा की बीच सड़क पर युवक ने भरी मांग, आखिर कहाँ है एंटी-रोमियो स्क्वॉड ?

  • उत्तर प्रदेश के जिला वाराणसी में एक युवक ने स्कूल जा रही छात्रा की बीच सड़क पर मांग भर दी। घटना आज 18 फरवरी की तकरीबन 11 बजे की है। पुलिस द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार,आरोपी का नाम सोनू प्रजापति है और वह उनके रिकार्ड्स में भी रह चुका है। वहीं छात्रा की उम्र तक़रीबन 15 साल बतायी जा रही है। जब आरोपी सोनू ने पीछे से बीच सड़क पर छात्रा की मांग में सिन्दूर भरा तो वह चिल्लाने लगी। जिससे आस-पास के लोग घटना स्थल पर इकठ्ठा हो गए और आरोपी को पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया। 

मामले की रिपोर्ट लक्शा थाने में दर्ज़ की गयी। साथ ही परिवार ने पुलिस को लिखित पत्र भी सौंपा है और प्रशासन से कार्यवाही की मांग की है। थाने के एसो महातम यादव ने आरोपी पर धारा 294,354,506 और 7/8 पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज़ कर आरोपी को जेल भेज दिया है। 

यूँ तो यूपी सरकार द्वारा लड़कियों के साथ छेड़खानी करने वालों को पकड़ने के लिए एंटी-रोमियो स्क्वॉड  की शुरुआत हुई थी। लेकिन राज्य में बढ़े छेड़खानी के मामलों को देखकर तो यही लगता है कि टीम कहीं सुस्त पड़ी हुई है। साथ ही पिछले साल यूपी बलात्कार के मामलों में सबसे ज़्यादा सुर्खियों में भी रहा था। राज्य में लखीमखेरी (लखीमपुर), उन्नाव और हाथरस कुछ ऐसे मामले थे, जिसे पूरे देश ने जाना। लेकिन इसके बावजूद भी लड़कियां आज भी राज्य में सुरक्षित नहीं है। आखिर कहाँ है एंटी-रोमियो स्क्वॉड  ? सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या कर रही है?  

 

एंटी-रोमियो स्क्वॉड के बाद भी बढ़ते रहे छेड़खानी के मामले 

साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने थे। तब से ही राज्य में छेड़खानी करने वालों को रोकने के लिए एंटी-रोमियो स्क्वॉड बनाया गया था। ताकि राज्य में महिला सुरक्षा को स्थापित किया जा सके। शुरू-शुरू में तो एंटी-रोमियो अभियान बहुत ज़ोरो-शोरो से चलाया गया। लेकिन कुछ समय के बाद वह बिलकुल ठंडा पड़ गया। 

द लॉजिकल इंडियन की 14 जनवरी 2021 की रिपोर्ट के अनुसार इण्डिया टीवी ने एंटी रोमियो स्क्वॉड और उनके द्वारा की गई गिरफ्तारी की प्रभावशीलता को समझने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ सूचना का अधिकार का (आरटीआई) आवेदन दायर किया था। 

रिपोर्ट के अनुसार आरटीआई ने बताया कि 22 मार्च 2017 से 30 नवंबर 2020 के बीच 14,454 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह आंकड़ा एक दिन में 11 गिरफ्तारियों के बराबर है। 

यूपी पुलिस का कहना था कि एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन ईव-टीजिंग, अभद्रता, अश्लील प्रदर्शन या महिलाओं और किशोरों के खिलाफ अपमानजनक और अश्लील टिप्पणियों को रोकने के लिए किया गया था। जिसमें आरटीआई ने एक बात जोड़ते हुए कहा था कि “जिला पुलिस जरूरत के आधार पर एंटी-रोमियो स्क्वॉड में पुलिस कर्मियों को नियुक्त कर सकती है।”

साल 2017 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, जब एंटी-रोमियो स्क्वॉड का गठन किया गया था तब हर दिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 153 मामले सामने आये थे। जो की साल 2016 में बढ़कर 164 हो गए थे।  

 

क्या है एंटी रोमियो स्क्वॉड ?

एंटी रोमियो स्क्वॉड अभियान कहता है कि  महिलाओ और लड़कियों के साथ हुई छेड़छाड़ पर तुरंत कार्यवाही की जाएगी और दोषी को कड़ी से कड़ी सज़ा भी दी जाएगी। यूपी के 11 जिलो में एंटी रोमियो स्क्वॉड शुरू किया गया था। जिसे उस क्षेत्र के आई जी को निगरानी करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी। इसके अलावा बलात्कारियों और छेड़छाड़ के आरोपियों पर गुंडा एक्ट लगाने का भी आदेश दिया गया था। 

जिस उद्देश्य से एंटी रोमियो स्क्वॉड की शुरुआत की गयी थी, बढ़ते मामलों के साथ यह तो साफ़ हो गया है कि राज्य में यह अभियान पूरी तरह से फेल हो चुका है। राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे। हर एक घटना के बाद सरकार की तरफ से बस कुछ करने का आश्वासन आ जाता है। ये आश्वासन महिलाओं को सुरक्षा दे पाएंगे? क्या योजनाएं राज्य में सुरक्षा कायम करने के लिए काफी है?

इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुशीला देवी ने रिपोर्ट किया है।

द्वारा लिखित – संध्या