खबर लहरिया Blog Uttar Pradesh: Varanasi: आंगनबाड़ी केंद्रों को मिल रही नई पहचान

Uttar Pradesh: Varanasi: आंगनबाड़ी केंद्रों को मिल रही नई पहचान

वाराणसी जिले में अभी 3,914 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। साल 2022-2023 में इनमें से 120 केंद्रों को अधिकारियों ने गोद लिया था। सरकार और अधिकारियों की कोशिश है कि आंगनबाड़ी केंद्र साफ-सुथरे हों और बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ अच्छी सुविधाएं भी मिलें।

Anganwadi Center Ledhupur Varanasi

आंगनबाड़ी केंद्र लेढूपुर वाराणसी (फोटो -सुशीला)

रिपोर्ट- सुशीला, लेखन – कुमकुम 

लेढुपुर ग्राम सभा का आंगनबाड़ी केंद्र भी उनमें से एक है। यहां करीब 40 बच्चे आते हैं। इस केंद्र पर बच्चों की पढ़ाई, खेलकूद और खाने-पीने पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार चाहती है कि आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ खाने का वितरण करने की जगह न रहकर बच्चों की पढ़ाई और उनके अच्छे भविष्य की नींव बनें।

अब बच्चों की पढ़ाई और खेल दोनों पर जोर

लेढूपुर की रहने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उषा बताती हैं -”पहले यहां की हालत बहुत खराब थी। न बैठने की व्यवस्था थी, न पढ़ने की। बरसात के दिनों में भी बच्चों को मजबूरी में घर भेजना पड़ता था लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है। यह नया आंगनबाड़ी केंद्र पंचायत भवन द्वारा 2023 में बनवाया गया और 2024 में इसकी चाबी हमें मिली। अब यहां हर तरह की सुविधा उपलब्ध है।”

The centre also has tables and chairs for children.

इस केंद्र में बच्चों के लिए मेज और कुर्सियां भी (फोटो -सुशीला)

बच्चों के बैठने के लिए कुर्सियां, खेलने के लिए खिलौने और गाड़ियां, पढ़ाई के लिए और चाक कॉपियां, दीवारों पर बने चित्र‌ सब कुछ मौजूद है। अगर बच्चे लंबे समय तक अंदर नहीं रुक पाते तो बाहर झूले भी हैं, जहां वे खेल सकते हैं।

Swing for children in Anganwadi center

आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए झूला ( फोटो -सुशीला)

गर्मी के दिनों में बच्चों को परेशानी न हो, इसके लिए पंखे और बिजली की भी व्यवस्था है। उषा का कहना हैं कि पहले बच्चों की संख्या बहुत कम थी लेकिन अब करीब 40 बच्चे रोज आते हैं। उनका मानना है जहां बच्चों को खेलने और सीखने का मौका मिलता है वहां वे खुद-ब-खुद खिंचे चले आते हैं। खेल-खेल में ही उन्हें पढ़ाई का भी अनुभव मिलता है।

Children doing activities together

बच्चे मिल-बैठकर गतिविधि करते हुए (फोटो- सुशीला)

सुविधाओं से बदल गई लेढुपुर आंगनबाड़ी की तस्वीर

लेढूपुर गांव की महिला सोनी बताती है कि पहले आंगनबाड़ी की हालत बहुत खराब थी। बच्चे जाते भी थे तो आधा-एक घंटा ही रुकते थे, कभी जाते थे, कभी नहीं। पहले तो हम लोग सिर्फ तब जाते थे जब राशन वितरण होता था लेकिन अब सुनने में आया है कि पंचायत भवन में नया आंगनबाड़ी केंद्र बना है जो काफी सुंदर है। उसमें बच्चों के बैठने की व्यवस्था है। अब बच्चों को 2–3 घंटे वहां रखने में दिक्कत नहीं होती। देखकर अच्छा लगा कि कम से कम लेढुपुर की आंगनबाड़ी केंद्र की तस्वीर बदली और यह केंद्र अब सुंदर और सुविधाजनक हो गया है।

Anganwadi Center Ledhupur Varanasi

आंगनबाड़ी केंद्र लेढूपुर वाराणसी (फोटो -सुशीला)

कोशिश है कि सभी आंगनबाड़ी केंद्र लेढुपुर जैसे बनें

लेढूपुर आंगनबाड़ी केंद्र की सुपरवाइजर कला बताती हैं कि उनके क्षेत्र में कुल 79 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें से कुछ केंद्र प्राइमरी स्कूलों में चल रहे हैं, तो कुछ पंचायत भवनों में। इन सभी में से दो आंगनबाड़ी केंद्र सबसे बेहतर हैं, जिनमें एक लेढुपुर का केंद्र है। हमारी कोशिश है कि बाकी केंद्र भी इसी तरह विकसित हों। इसके लिए हम लगातार अधिकारियों को सूचित करते रहते हैं। 

Kala, Supervisor, Ledhupur

कला, सुपरवाइजर, लेढूपुर (फोटो -सुशीला)

 

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