“योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को समान अधिकार, सम्मान और अवसर प्रदान किए जाएं। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों का पंजीकरण भी किया जा रहा है ताकि उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा सके।”
लेखन – सुचित्रा
उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्ति जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है अब उन्हें वृद्धाश्रम की सुविधा देने का फैसला किया है। यह फैसला यूपी सरकार की तरफ से कल बुधवार 30 अप्रैल 2025 को लिया गया। इस फैसले में बताया गया कि उन्हें आश्रय के साथ-साथ कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा जैसे – पेंशन, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड, नियमित स्वास्थ्य जांच, पौष्टिक भोजन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी दी जाएगी।
ट्रांसजेंडर समुदाय को बाकी लोगों जैसे न इतना सम्मान मिलता है और न ही उन्हें अधिकार। वह अपने अस्तित्व की पहचान के लिए कई सालों से संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में यूपी सरकार का यह निर्णय काफी सरहानीय है। पहले हम ट्रांसजेंडर समुदाय के बारे में जानते हैं।
ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग कौन होते हैं?
ऐसे लोग जो न आदमी हैं न औरत – इन दोनों ही से अलग किसी तीसरे जेंडर में आते हैं। इन्हें समाज में किन्नर या हिजड़ा के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा समाज में ऐसे भी लोग हैं जो पैदा तो किसी स्थापित जेंडर, यानि महिला या पुरुष की पहचान के साथ होते हैं लेकिन उन्हें अपनी इस पहचान से इनकार होता है जैसे किसी लड़की को लड़के जैसा महसूस होता है। किसी लड़के को लड़की जैसा महसूस हो सकता है।
ट्रांसजेंडर समुदाय दशकों से कर रहा संघर्ष
यूपी सरकार द्वारा लिए गए फैसले में कहा गया कि उन्हें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वृद्धा आश्रम की सुविधा दी जाएगी। इसकी मदद से उन्हें अब रहने को एक स्थायी जगह मिल जाएगी जिसकी उन्हें हमेशा तलाश रहती थी। समाज द्वारा बहिष्कार के बाद ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को मजबूरन भटकना पड़ता है। उन्हें कोई सुविधा या रोजगार तक नहीं मिलता हालाँकि यह बदलाव कुछ हद तक हुआ है पर आज भी समाज में घर, नौकरी और अपने अस्तित्व की लड़ाई उनकी जारी है।
द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार सरकार के इस फैसले के बयान में कहा “यह पहल एक संवेदनशील और दूरदर्शी दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है जिसका उद्देश्य ऐसे समुदाय को सहायता प्रदान करना है जिसने दशकों से उपेक्षा और भेदभाव का सामना किया है।”
इसमें कहा गया है “योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को समान अधिकार, सम्मान और अवसर प्रदान किए जाएं। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों का पंजीकरण भी किया जा रहा है ताकि उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा सके।”
यूपी सरकार की इस पहल का उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय को समान अधिकार, गरिमा और समान अवसर मिलें। राज्य में ट्रांसजेंडरों को सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिले।
पहले भी यूपी सरकार ने की ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए पहल
मूकनायक की एक रिपोर्ट बताती है कि इससे पहले भी साल 2021 में यूपी में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए समर्पित कल्याण नीति लागू की गई। इसके साथ ही इसी साल 2021 में उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। इसके अंतर्गत ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए जो योजनाएं हैं उनकी निगरानी और योजनाओं के कार्य की जिम्मेदारी आती है।
ट्रांसजेंडर समुदाय को सुरक्षा प्रदन करने के लिए गोरखपुर में पहला गरिमा गृह स्थापित किया गया। यहां उनके रहने, शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
यूपी के प्रमुख सचिव, समाज कल्याण एल. वेकेंटेश्वर लू ने कहा कि भविष्य में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए सरकार कई नई योजनाएँ लाएगी जिससे वे सामाजिक, आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके।
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