प्रमुख सचिव ने आयोग से एक सप्ताह का और समय मांगा है। उन्होंने बताया कि नवंबर अंत तक सूची मिलने के साथ ही चुनाव कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
UP Nagar Nikay Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश में नगरीय निकायों के आरक्षण में अभी एक सप्ताह का समय और लगने की बात कही गयी है। पहले यह कहा जा रहा था कि 15 नवंबर के बाद कभी-भी चुनाव की तारीख की घोषणा की जा सकती है। अधिसूचना में देरी होने से अब कई तरह की बातें भी सुनने को मिलने लगी है।
प्रभात खबर की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव में देरी से यह उम्मीद जताई जा रही है कि 5 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की वजह से चुनाव टाला जा सकता है।
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नगर विकास विभाग से पूछा, सूची में देरी में कारण
नगर विकास विभाग ने सोमवार, 21 नवंबर को राज्य निर्वाचन आयोग से आरक्षण के बाद निकायों की अंतिम सूची एक सप्ताह में सौंपने के लिए कहा है। जानकारी के लिए बता दें, राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात को बुलाकर नगरीय निकायों के आरक्षण की सूची में हो रही देरी का कारण पूछा था। प्रमुख सचिव ने आयोग से एक सप्ताह का और समय मांगा है। उन्होंने बताया कि नवंबर अंत तक सूची मिलने के साथ ही चुनाव कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
सूची का है इंतज़ार
जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में 763 नगरीय निकायों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को सरकार से आरक्षण तय होने के बाद निकायों की सूची का इंतजार है। इसके बाद ही आयोग चुनाव की अधिसूचना ज़ारी करेगा। ज़्यादातर नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी के पहले हफ्ते में व कुछ का कार्यकाल दूसरे हफ्ते में खत्म हो रहा है। इसलिए आयोग को इससे पहले चुनाव कराना है। चुनाव कराने के लिए आयोग को न्यूनतम 35-36 दिन का समय जरूरी होता है।
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4.27 करोड़ मतदाता करेंगे वोट
मतदाता सूची के ज़ारी आंकड़ों के अनुसार यूपी निकाय चुनाव में इस बार 4.27 करोड़ से ज़्यादा मतदाता वोट डालेंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपी में दिसंबर महीने में होने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव में कुल 4 करोड़ 27 लाख 40 हजार 320 मतदाता शहर की सरकार को चुनेंगे। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होने के बाद वोटरों की कुल संख्या बढ़कर 4 करोड़ 27 लाख से ज्यादा हो गयी है। वहीं इससे पहले साल 2017 में हुए निकाय चुनाव पर गौर किया जाए तो उसकी तुलना में इस बार पूरे प्रदेश में 91.44 लाख मतदाता बढ़े हैं। बता दें, साल 2017 के चुनाव के समय कुल 3,35,95,547 मतदाता थे।
चुनाव में होती लगातार देरी यह सवाल खड़ी कर रही है कि अगर चुनाव समय रहते नहीं हुआ तो इसका क्या परिणाम होगा?
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