यूपी विधान परिषद चुनाव 2022 में 36 सीटों में से 33 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली। वहीं समाजवादी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव की 36 सीटों में 33 सीटों पर बीजेपी को बड़ी जीत मिली। बीते 9 अप्रैल को परिषद की 27 सीटों पर वोटिंग हुई थी। 9 सीटों पर बीजेपी सीधे तौर पर विजयी रही। 27 सीटों पर कुल 95 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। जिन तीन सीटों पर बीजेपी हारी उनमें से एक आजमगढ़, दूसरी वाराणसी और तीसरी प्रतापगढ़ की सीट रही। वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र है जहां से बीजेपी को हार मिली है।
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एमएलसी चुनाव में बीजेपी की जीत पर सीएम योगी ने दी बधाई
बीजेपी की बड़ी जीत के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए बधाई दी। सीएम योगी ने लिखा, “आज उत्तर प्रदेश के स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद चुनावों में भाजपा की प्रचण्ड विजय ने पुनः स्पष्ट कर दिया है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में प्रदेश की जनता राष्ट्रवाद, विकास एवं सुशासन के साथ है।”
आज उत्तर प्रदेश के स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद चुनावों में भाजपा की प्रचण्ड विजय ने पुनः स्पष्ट कर दिया है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में प्रदेश की जनता राष्ट्रवाद, विकास एवं सुशासन के साथ है।
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) April 12, 2022
यूपी एमएलसी के 27 सीटों के परिणाम
1. बहराइच-श्रावस्ती से भाजपा की प्रज्ञा त्रिपाठी।
2. रायबरेली से भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह।
3- जौनपुर से भाजपा के बृजेश सिंह प्रिंशू।
4- देवरिया-कुशीनगर से भाजपा के रतनपाल सिंह।
5- लखनऊ-उन्नाव से भाजपा के प्रत्याशी रामचंद्र प्रधान जीते।
6- बाराबंकी से भाजपा के अंगद कुमार सिंह जीते।
7- आगरा-फिरोजाबाद से भाजपा के विजय शिवहरे जीते।
8- बलिया से भाजपा के रविशंकर सिंह पप्पू जीते।
9- प्रयागराज से भाजपा के डॉ. केपी श्रीवास्तव जीते।
10- वाराणसी से निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह जीतीं।
वाराणसी सीट से अन्नपूर्णा सिंह को सबसे ज़्यादा 4234 वोट मिले। वह दूसरी बार इस सीट से विधान परिषद का चुनाव बतौर निर्दलीय उम्मीदवार जीती हैं।
आपको बता दें, समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार उमेश यादव को सिर्फ 345 वोट और भाजपा के उम्मीदवार डॉ. सुदामा पटेल को 170 वोट मिले। इस सीट पर कुल 4876 मत पड़े जिसमें से 127 मतों को निरस्त कर दिया गया। जिसके बाद कुल मतों की वैध संख्या 4,749 सामने आई और इस तरह से अन्नपूर्णा सिंह को जीत मिली।
11- मेरठ से भाजपा के प्रत्याशी धर्मेन्द्र भारद्वाज जीते।
12- सीतापुर से भाजपा के प्रत्याशी पवन सिंह चौहान जीते।
13- गाजीपुर से भाजपा के प्रत्याशी विशाल सिंह चंचलजीते।
14- मुरादाबाद से भाजपा के प्रत्याशी सतपाल सैनी जीते
15- आजमगढ़ से निर्दलीय प्रत्याशी विक्रांत सिंह रिशू जीते।
16- गोरखपुर से भाजपा के प्रत्याशी सीपी चंद जीते।
17- सुल्तानपुर से भाजपा के प्रत्याशी शैलेन्द्र प्रताप सिंह जीते।
18- बस्ती से भाजपा के प्रत्याशी सुभाष यदुवंश जीते।
19- फर्रुखाबाद से भाजपा के प्रत्याशी प्रांशुदत्त द्विवेदी जीते।
20 झांसी से भाजपा की प्रत्याशी रमा निरंजन जीतीं।
21- गोंडा से भाजपा के प्रत्याशी अवधेश कुमार सिंह उर्फ मंजू जीते।
22- प्रतापगढ़ से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अक्षय प्रताप सिंह जीते।
23- अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी हरिओम पाण्डेय जीते।
24- फतेहपुर से भाजपा प्रत्याशी अविनाश सिंह चौहान जीते।
25- बरेली से भाजपा प्रत्याशी महाराज सिंह चुनाव जीते।
26- सहारनपुर से भाजपा की प्रत्याशी वंदना मुदित वर्मा जीतीं।
27- शाहजहांपुर-पीलीभीत से भाजपा के डॉ. सुधीर गुप्ता जीते।
तकरीबन 10 सालों बाद भाजपा को शाहजहांपुर-पीलीभीत एमएलसी सीट पर जीत मिली है। भाजपा के प्रत्याशी डॉ. सुधीर गुप्ता को 3,600 वोट मिले और उनके विपरीत सपा प्रत्याशी अमित यादव को सिर्फ 265 वोट ही मिल पाए। इस तरह से डॉ. सुधीर गुप्ता एक तरफा वोटों की संख्या से जीत गए।
भाजपा प्रत्याशी ने सपा प्रत्याशी अमित यादव को 3,335 वोटों से हराया। वहीं निर्दलीय की नाजमा बेगम को 29 वोट मिले। इस सीट से 176 वोट निरस्त किये गए और कुल 4,083 वोट पड़े।
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बीजेपी द्वारा जीती गयी 9 एमएलसी सीटें
1. मिर्जापुर-सोनभद्र से श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत।
2. मथुरा-एटा-मैनपुरी से ओम प्रकाश सिंह।
3. मथुरा-एटा-मैनपुरी से आशीष यादव।
4. बदायूं से वागीश पाठक।
5. हरदोई से अशोक अग्रवाल।
6. लखीमपुर खीरी से अनूप गुप्ता।
7. बांदा-हमीरपुर से जितेंद्र सिंह सेंगर।
8. अलीगढ़ से ऋषिपाल सिंह।
9. बुलंदशहर से नरेंद्र भाटी।
यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद भाजपा की यह दूसरी सबसे बड़ी विजय है। जिसमें बीजेपी ने एक तरफा अन्य पार्टियों को हराते हुए सीटों पर कब्ज़ा किया है। यह बात तो साफ़ है कि भाजपा ने यूपी में अपना गढ़ मज़बूत कर लिया है लेकिन सवाल वही है, क्या चुनावी वादों के अनुसार लोगों की उम्मीदों पर पार्टी खरी उतर पायेगी?
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