कवरेज के दौरान एक पत्रकार सहित तीन लोगों पर जानलेवा हमला करने की खबर सामने आई है। आरोप है कि कई महिलाओं ने उन्हें दौड़ाकर पीटा जबकि कुछ लोग जिनके चेहरे ढके हुए थे और जिन्होंने हेलमेट पहन रखा था लाठी-डंडों से हमला करते दिखे।
फिर से एक बार सच सामने लाने की कोशिश कर रहे पत्रकार को ही निशाना बनाया गया। उत्तर प्रदेश के ललितपुर के मड़ावरा में कवरेज के दौरान एक पत्रकार सहित तीन लोगों पर जानलेवा हमला करने की खबर सामने आई है। आरोप है कि कई महिलाओं ने उन्हें दौड़ाकर पीटा जबकि कुछ लोग जिनके चेहरे ढके हुए थे और जिन्होंने हेलमेट पहन रखा था लाठी-डंडों से हमला करते दिखे। यह घटना बताती है कि कई बार जमीनी हकीकत दिखाने वाले पत्रकारों को कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
गौशाला में फैली अव्यवस्थाओं को किया उजागर
उत्तरप्रदेश के ललितपुर में रहने वाले पत्रकार देवेंद्र कौशिक ने बताया कि वे आकांक्षी ब्लॉक मड़ावरा की ग्राम पंचायत गिरार स्थित डगडगी गौशाला में फैली अव्यवस्थाओं की शिकायत मिलने पर रिपोर्टिंग करने पहुंचे थे। उसी समय नाराहट सीट के जिला पंचायत सदस्य मनोज कुशवाहा भी निरीक्षण के लिए वहां पहुंचे थे। देवेंद्र बाहर से पूरी स्थिति को दिखाते हुए कवरेज कर रहे थे। वहीं जब मनोज कुशवाहा को गौशाला के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई तो वे गेट फांदकर अंदर पहुंचे और भीतर की हालत का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। इन वीडियो को देवेंद्र ने भी अपनी रिपोर्टिंग में शामिल किया। देवेंद्र के अनुसार इस कवरेज के बाद जिला प्रशासन ने सभी गौशालाओं के लिए जांच अधिकारी नियुक्त कर दिए।
जांच के लिए तहसीलदार मनोज कुमार श्रीवास्तव गौशाला पहुंचे। देवेंद्र कौशिक ने पहले ही उप जिलाधिकारी मड़ावरा को आवेदन देकर जांच कवरेज की अनुमति मांगी थी। बाद में देवेंद्र और जिला पंचायत सदस्य मनोज कुशवाहा दोनों गौशाला पहुंचे।
देवेंद्र का आरोप है कि कवरेज के दौरान गौशाला में तैनात ग्राम पंचायत सचिव के इशारे पर करीब 20–25 महिलाएं वहां आईं और उन पर जानलेवा हमला कर दिया। वह पूरी घटना को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड भी कर रहे थे। हमले से बचने के लिए देवेंद्र और उनके साथियों को भागना पड़ा लेकिन महिलाओं ने लगभग एक किलोमीटर तक उन्हें दौड़ाकर पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।
हमलावरों ने हेलमेटपहन रखे थे
देवेंद्र कौशिक का कहना है कि जब वे भागकर आगे बढ़े तो झाड़ियों में करीब 20 लोग लाठियां लेकर छिपे बैठे थे जिन्होंने अचानक उन पर फिर हमला कर दिया। इनमें से कुछ हमलावरों ने हेलमेट पहन रखे थे जबकि कुछ ने अपना चेहरा तौलिए से ढका हुआ था। वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है कि हमलावर लगातार मारते रहे और पत्रकार सहित अन्य लोग दया की गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई उन्हें छोड़ने को तैयार नहीं था।
काफी मुश्किल से जान बचाकर वे वहां से भाग निकले। इसके बाद जिला पंचायत सदस्य मनोज कुमार कुशवाहा ने अपनी गाड़ी से उन्हें मड़ावरा के सीएचसी पहुंचाया जहां प्राथमिक उपचार किया गया। देर रात देवेंद्र और एक अन्य व्यक्ति की हालत गंभीर देख उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। देवेंद्र का आरोप है कि हमले के दौरान उनका एक मोबाइल फोन भी छीन लिया गया। उनका कहना है कि गौशाला की खराब व्यवस्था को उजागर करने की वजह से ही उनके ऊपर हमला करवाया गया। इसी के साथ मनोज कुशवाहा द्वारा आरोप लगाया गया है कि गौशाला की व्यवस्था उजागर करने पर तहसीलदार द्वारा जांच कराई गई जिसमें वे खुद भी गए थे जिसमें जांच के दौरान गौशाला में 1429 गोवंश के जगह 679 गोवंश ही थे।
पुलिस क्षेत्राधिकारी ने क्या कहा?
दैनिक भास्कर के अनुसार पुलिस क्षेत्राधिकारी कृष्ण कुमार मिश्र ने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि फिलहाल घटना की जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
हमले की खबर फैलते ही लोगों में गुस्से का माहौल बन गया। जैसे ही पता चला कि पत्रकार पर हमला हुआ है बड़ी संख्या में लोग मड़ावरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए जहां भीड़ देर तक बनी रही। सोशल मीडिया पर भी लोग इस घटना की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने भी इस हमले को बेहद निंदनीय बताया है।
कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने सोशल मीडिया फ़ेसबुक में पोस्ट कर इस घटना पर निंदा जताई है।
देवेंद्र कौशिक समेत तीन पर केस दर्ज
बता दें अब मामला उल्टा पड़ गया है और देवेंद्र कौशिक समेत तीन लोगों पर एफ़आईआर हो गई है। बता दें ग्राम पंचायत सचिव इंद्रेश कुमार गौतम ने गिरार थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है। शिकायत में उन्होंने जिला पंचायत सदस्य मनोज कुमार कुशवाहा, पत्रकार देवेन्द्र कौशिक और एक अन्य व्यक्ति पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जबरन गौशाला में प्रवेश करने की कोशिश की और अवैध रूप से पैसे की मांग भी की।
सचिव ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपितों ने जाति-आधारित अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उनकी शिकायत के आधार पर गिरार पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 121(1), 329(2), 115(2), 352, 308(5) और एससी/एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। बता दें सोशल मीडिया पर उनकी गिरफ़्तारी की वीडियो भी देखी जा रही है। इसी के साथ ललितपुर के एडीएम अंकुश श्रीवास्तव ने दावा किया कि देवेंद्र ने डगडगी गौशाला से पशुओं को भगाया और साथ ही पंचयात के प्रधान और सचिव के साथ मारपीट भी की। एएसपी कालू सिंह ने भी दावा किया कि देवेंद्र कौशिक कोई मान्यता प्राप्त पत्रकार नहीं हैं।
समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट कर लिखा है कि “‘गौमाता’ के नाम पर भाजपाई भ्रष्टाचार उनका ही निंदनीय है जितना ‘माँ गंगा’ के नाम पर भाजपावालों की अरबों की घपलेबाजी। भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले पत्रकार पर ही मुक़दमा ठोंक देने का मलतब है उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।”
‘गौमाता’ के नाम पर भाजपाई भ्रष्टाचार उनका ही निंदनीय है जितना ‘माँ गंगा’ के नाम पर भाजपावालों की अरबों की घपलेबाजी।
भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करनेवाले पत्रकार पर ही मुक़दमा ठोंक देने का मलतब है, उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे। pic.twitter.com/4sPd5PD3Z6
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 24, 2025
मड़ावरा महरौनी के पत्रकार इमरान खान ने बताया कि वर्तमान में देवेंद्र कौशिक को ललितपुर जेल में रखा गया है। उन्होंने बताया कि वे फ्रीलांस (स्वतंत्र) पत्रकार थे। वे खुद का यूटूब चैनल चलाते थे जिसके कारण उनके पत्रकारिता को मान्यता नहीं मानी जा रही। अभी इस मामले में आगे की जांच चल रही है मामले में जो भी अपडेट आएगी वो आप तक पहुंचाई जाएगी।
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