यूपी के जिला वारणसी में सोमवार, 5 जुलाई को सीएम योगी आदित्यनाथ जिले में विकास और निर्माण कार्यों के निरक्षण के लिए पहुंचे।
यूपी के जिला वाराणसी में 5 जुलाई 2021 पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाम के 7 बजे सर्किट हाउस के अधिकारीयों के साथ बैठक की। बैठक में सीएम द्वारा सफाई व्यवस्था को लेकर बात की गयी व नगर निगम और बीडीए अधिकारी को दिशा-निर्देश दिए गए। इसके बाद जिले में चल रहे विकास और निर्माण कार्य का निरक्षण किया गया।
सीएम द्वारा दीनदयाल अस्पताल के एमसीएच, भीगी आशापुर आरओबी गोदौलिया स्थित मल्टी लेवल पार्किंग, रुद्राक्ष कब्रिस्तान सेंटर का निरीक्षण किया माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित दौरे के मद्देनजर रखते हुए सीएम द्वारा जिले का निरक्षण किया गया।
योजनाओं को लेकर चर्चा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में नगर निगम और विकास प्रतिनिधि के कार्यशैली पर नराज़गी जताई। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा बताया गया कि वाराणसी में 73,638 करोड़ रुपए की 75 परियोजनाएं सफल रूप से तैयार हो गयी हैं। वहीं 41,768 करोड़ रुपए की 64 और प्रमुख परियोजनाओं को शुरू करने का प्रस्ताव तैयार है। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लम्बे अंतराल के बाद वाराणसी आएंगे। जिसके तहत वाराणसी में चौराहे सहित अन्य संस्थानों को संवारने के अभियान को शुरू करने की बात कही गयी।
बैठक में ये लोग रहे मौजूद
बैठक में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभात नीलकंठ तिवारी, रविंद्र जयसवाल, प्रदेश भाजपा प्रभारी सुनील ओझा, सांसद बीपी सरोज, मृदुला जयसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, डॉ अवधेश सिंह, सुरेंद्र नारायण, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा, पुलिस कमिश्नर सतीश गणेश सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहें।
सीएम ने 50. 70 करोड़ रूपये की लागत से बने आरओबी के बारे में बात करते हुए कहा कि इससे गाज़ीपुर से बनारस और बनारस से गाज़ीपुर की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा काशी विश्वनाथ कारी डोर का जायजा लिया गया।
जनता की राय
ऑटो ड्राइवर मनोज का कहना है कि जब मुख्यमंत्री आते हैं तो महीनों से पड़ी जंजर सड़क को दुरुस्त किया जाता है। जिस रास्ते से सीएम को आना होता है उस रास्ते पर दिन भर सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाते हैं। लेकिन जो गाँव की समस्या है उसकी तरफ कोई नहीं देखता। जिसकी वजह से जनता परेशान रहती है।
जब भी कोई आला अधिकारी किसी भी जगह पहुँचते हैं तो स्थानीय अधिकारीयों द्वारा चीज़ों को बेहतर तौर पर प्रस्तुत किया जाता है। कमियों को छुपाया जाता है पर जनता को मालूम है कि सुधार कार्य सिर्फ दिखावा है। क्या इसे फिर विकास कार्य कहा जाना चाहिए?
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