खबर लहरिया Blog UP Chitrakoot News: अंधेरे में बढ़ रहा खतरा, बिजली कटौती से ग्रामीण परेशान

UP Chitrakoot News: अंधेरे में बढ़ रहा खतरा, बिजली कटौती से ग्रामीण परेशान

यूपी के चित्रकूट जिले के मऊ ब्लॉक और बरगढ़ क्षेत्र के कई गांव इस समय भीषण बिजली कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं। उमस भरी गर्मी, पानी की किल्लत और मच्छरों के प्रकोप के बीच ग्रामीणों का जीवन मुश्किल हो गया है। इसका असर बच्चों की पढ़ाई, किसानों की फसल और मजदूरों की रोज़ी-रोटी तक पर पड़ रहा है।

People are troubled by power cuts

बिजली कटौती से परेशान लोग ( फोटो – सुनीता)

रिपोर्ट – सुनीता, लेखन – कुमकुम 

अंधेरे में बढ़ रहा जान का खतरा

बरसात के मौसम में अंधेरे की वजह से सांप-बिच्छू निकलने का खतरा ज्यादा हो जाता है। हाल ही में मऊ क्षेत्र के लावेद गांव में एक महिला रात में बाहर गई थी, तभी उसे सांप ने काट लिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। गांव के लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं अक्सर हो रही हैं।

लो-वोल्टेज और महंगे मरम्मत खर्च से ग्रामीण परेशान

बिजली की अनियमित आपूर्ति और वोल्टेज के उतार-चढ़ाव से गांवों में पंखे, कूलर और बल्ब बार-बार खराब हो रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि जब तेज़ी से लाइट आती है तो कई बार उपकरण झुलस जाते हैं। उन्हें बार-बार मरम्मत कराना पड़ता है, जिससे हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं। 

गोइया गांव की राजकुमारी बताती हैं कि रात में मुश्किल से एक-दो घंटे ही लाइट आती है, बाकी समय लो वोल्टेज रहता है। न पंखा चलता है, न कूलर दिनभर काम करने के बाद रात में नींद नहीं मिलती। उमस भरी गर्मी और मच्छरों से बच्चों की हालत खराब हो जाती है। कभी चारपाई बाहर डालते हैं तो बारिश में फिर घर के अंदर जाना पड़ता है।

home meters

घर में लगे मीटर (फोटो – सुनीता)

पानी की समस्या से फैल रही बीमारियां

गोइया कलां  गांव की उर्मिला देवी बताती हैं कि जब बिजली जाती है तो सप्लाई का पानी भी बंद हो जाता है। मजबूरी में हमें इधर-उधर का पानी पीना पड़ता है, जिससे खांसी, जुकाम, बुखार और हैजा जैसी बीमारियां फैल रही हैं। तीन महीने से सप्लाई का पानी नियमित रूप से नहीं आ रहा है।

बिजली न रहने से छोटे बच्चे रातभर सो नहीं पाते और गर्मी से परेशान होकर रोते रहते हैं। लोगों का कहना है कि यदि बिजली की आपूर्ति नियमित हो तो पानी की समस्या और गर्मी की परेशानी दोनों से राहत मिल सकती है।

बच्चों की पढ़ाई और रोज़गार पर भी असर

गोइया गांव की अनीता कहती हैं कि रात में लाइट जुगनू की तरह टिमटिमाती रहती है। हमें पता ही नहीं चलता कि कब लाइट गई और कब आई। अगर यही हाल रहा तो हम अंधेरे में कैसे गुज़ारा करेंगे? सरकार ने हर गांव में बिजली पहुंचाने का वादा किया था लेकिन बराबर सप्लाई न होने से कोई फायदा नहीं मिल रहा। बच्चे रात में पढ़ाई नहीं कर पाते उनका कोर्स पीछे छूट जाता है जिससे पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।

बसिनिहा गांव के मुन्ना, जो ई-रिक्शा चलाकर परिवार का खर्च चलाते हैं वह बताते हैं कि बिजली न रहने से ई-रिक्शा चार्ज नहीं हो पाता। पांच दिन पहले लगातार तीन दिन तक लाइट नहीं रहीतो उस दौरान हमारा काम पूरी तरह बंद हो गया। रोज़ की 1000–1500 रुपये की कमाई से ही बच्चों का खर्च चलता है और किश्ते भी भरते हैं। लगातार कटौती की वजह से रोज़गार पर असर पड़ रहा है।

बिजली कटौती से खेती की सिंचाई पर असर

अहरी गांव के किसान शारदा बताते हैं कि हमने पांच बीघा धान बोया है लेकिन पानी न मिलने से फसल सूख रही है। मई महीने से यही हाल हैसुबह आठ बजे थोड़ी देर लाइट रहती है फिर दिनभर कटौती रहती है। शाम को एक घंटे आती है और रात 10 बजे से सुबह तक फिर गायब हो जाती है जिससे खेत की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।

बिजली विभाग का बयान 

मऊ बिजली विभाग के एसडीओ ललित बाजपेई का कहना है कि मऊ पावर हाउस पर लोड अधिक है इसलिए कटौती की जा रही है। विभाग को इस संबंध में लिखित जानकारी दी गई है और जल्द ही बड़ा ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा। अभी दो ट्रांसफार्मर काम कर रहे हैं तीसरा लगने पर 42 गांवों की सप्लाई बेहतर हो जाएगी। बरगढ़ क्षेत्र में लो-वोल्टेज की समस्या शंकरगढ़ सप्लाई से जुड़ी है। उस पर भी जल्द बैठक कर समाधान निकाला जाएगा।

 

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