यूपी में राज्य सरकार जल्द ही बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के 69197 पदों पर जल्द ही भर्ती शुरू करने वाली हैं। इनमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 7952 और सहायिकाओं के 61254 पद शामिल हैं। इसकी जानकारी कल गुरुवार 16 अक्टूबर 2025 को मुख्य सचिव एसपी गोयल के साथ बैठक में महिला कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ने दी। मुख्य सचिव ने जिलेवार भर्ती के लिए डीएम की अध्यक्षता में समिति गठित करने के बाद ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।
उत्तर प्रदेश में काफी समय से आगनबाड़ी कार्यकर्ता वेतन में बढ़ोत्तरी के लिए मांग करते आए हैं। इसके साथ ही काफी समय से आंगनबाड़ी में पदों की भर्ती के लिए इतंजार करते आ रहे हैं। यह खबर उन लोगों के खुशी की खबर है क्योंकि जल्द ही आंगनबाड़ी के पदों पर भर्ती की जाएगी।
यूपी आंगनबाड़ी के इतने पदों पर भर्ती
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक विभाग की अपर मुख्य सचिव लीना जौहरी ने बताया कि प्रदेश में अभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के रिक्त 69197 पदों में से 2123 पहले से खाली हैं, जबकि शेष पद 306 नए बने आंगनबाड़ी केंद्रों से संबंधित हैं।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण का होगा आयोजन
मुख्य सचिव ने कहा कि जो 23697 आंगनबाड़ी केंद्र मंजूर किए गए हैं, उनमें जो काम चल रहे हैं — जैसे कि पोषण वाटिका (जहां पौष्टिक सब्जियां उगाई जाएंगी), बारिश के पानी को इकट्ठा करने की व्यवस्था (रेन वाटर हार्वेस्टिंग), एलईडी स्क्रीन लगाना और छोटे बच्चों के लिए शैक्षणिक सामग्री (ईसीसीई मैटेरियल) देना — इन सभी कामों को जल्दी पूरा किया जाए।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हर जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को “पोषण भी, पढ़ाई भी” कार्यक्रम के तहत तीन दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे बच्चों को अच्छी तरह से पोषण और पढ़ाई दोनों दे सकें।
रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष से जुड़े मामलों को निपटारा करने को कहा
मुख्य सचिव ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष से जुड़े जो मामले अभी तक पेंडिंग हैं, उन्हें इस महीने के अंत तक निपटा दिया जाए। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि जो अधिकारी बिना वजह इन मामलों को लटकाए रखेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष से जुड़े “मामलों” (प्रकरणों) का मतलब उन आवेदनों या मामलों से है, जिनमें महिलाओं और बच्चों को सहायता या मुआवज़ा दिया जाना है, लेकिन वे अभी तक निपटाए नहीं गए हैं।
आपको बता दें कि वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हर महीने 8000 रुपये मानदेय मिलता है। इसमें 6000 मानदेय और 2000 इंसेटिव है। इसी तरह सहायिकाओं को भी 4000 रुपए मानदेय मिलता है, इसमें 3000 रुपए मानदेय और 1000 रुपये इंसेटिव है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपनी मांगों को लेकर लेकर प्रदर्शन
हाल ही में मध्य प्रदेश के छतरपुर में जुलाई 2025 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। खबर लहिरया की रिपोर्टंग में कार्यकर्ताओं ने वेतन वृद्धि, स्थायीकरण और काम के बोझ को लेकर नाराज़गी जाहिर की।
यूपी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं हमेशा से वेतन को लेकर अपनी आवाज उठाते रहे हैं। उनका मानना है साल दर साल बढ़ने वाली महंगाई में इतने कम मानदेय से घर परिवार चलाना मुश्किल है। खबर लहिरया की 2024 की रिपोर्टिंग में आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी बाँदा में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। किरण सेठी आंगनबाड़ी संघ जिला दक्ष बाँदा उन्होंने कहा “न्यूनतम वेतन 18 हजार होनी चाहिए। जो भी सरकारें आए हैं इससे पहले भी उन्हें पता है कि यह संस्था 1975 से है। यदि प्रशासन हर साल 100 रुपए भी बढ़ाता तो आज 20 हजार रुपए वेतन होता।”
यूपी सरकार ने आंगनबाड़ी पदों पर भर्ती के निर्देश तो दे दिए हैं, लेकिन सवाल अब तक बना हुआ है कब तक? इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की वेतन को लेकर मांग है उस पर सरकार कब ध्यान देगी?
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