खबर लहरिया Blog UP and MP Mine Accident: देश के दो राज्यों उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में बड़ा खदान हादसा, मलबे में दबे मज़दूर 

UP and MP Mine Accident: देश के दो राज्यों उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में बड़ा खदान हादसा, मलबे में दबे मज़दूर 

सोनभद्र (उत्तरप्रदेश) और छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) में दो खदान हादसों में कई मजदूर मलबे में दब गए। सोनभद्र में चार शव मिल चुके हैं और 14 मजदूर लापता हैं जबकि छिंदवाड़ा में अवैध खनन के दौरान चट्टान गिरने से पाँच लोग घायल हुए। दोनों जगह NDRF–SDRF की टीमें रेस्क्यू में लगी हैं और खदान मालिकों पर कार्रवाई की जा रही है।

Mine accidents in Uttar Pradesh and Madhya Pradesh

उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में खदान हादसा (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

वर्तमान में दो राज्यों उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में खदान हादसा हुआ हुआ है था। उत्तरप्रदेश के सोनभद्र के ओबारा थाना क्षेत्र स्थित बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में कृष्णा माइनिंग वर्क्स की खदान में भूस्खलन हुआ। इस हादसे में अंदर फंसे लोगों को निकलाने में मलबे में दबी दो विशाल चट्टानों के बचाव कार्य में बड़ी बाधा बनी हुई है। पिछले 48 घंटे से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार प्रयासरत हैं। अब तक चार मजदूरों के शव बरामद किए जा चुके हैं और 14 मज़दूरों की मलबे में दबने की आशंका बताई जा रही है। अल्ट्राटेक और दुसान की टेक्निकल एक्सपर्ट टीम को बुलाया गया है। 

खनन कंपनी के मालिक के खिलाफ एफ़आईआर 

इस हादसे के बाद खनन कंपनी के मालिक के समेत तीन लोगों के खिलाफ एफ़आईआर कर ली गई है। जानकारी के अनुसार NDRF और SDRF की टीमें लगातार मलबा हटाने में जुटी हुई हैं। खदान की गहराई लगभग 300 फीट बताई जा रही है जिसके कारण बचाव उपकरणों को नीचे पहुंचाना बेहद चुनौतिपूर्ण हो रहा है। 

एनडीआरएफ–एसडीआरएफ भी मौके पर तैनात

अल्ट्राटेक, दुसान और फायर ब्रिगेड की टीमों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान भी लगातार राहत-बचाव में लगे रहे। एडीजी ज़ोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया की मौजूदगी में पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। तड़के करीब चार बजे मलबे से एक शव निकाला गया। उसकी पहचान 28 वर्षीय राजू सिंह (पुत्र त्रिवेणी सिंह), निवासी परसोई टोला अमिरिनिया, ओबरा के रूप में हुई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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सपा और सांसद का विरोध प्रदर्शन

सुबह सांसद छोटेलाल खरवार और सपा जिलाध्यक्ष रामनिहोर यादव अपने कार्यकर्ताओं के साथ बग्घानाला पहुंचे। पुलिस ने उन्हें खदान की ओर जाने से रोक दिया जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। नेताओं ने आरोप लगाया कि बिल्ली मारकुंडी में प्रशासन की लापरवाही से यह हादसा हुआ। सपा ने मांग की कि मृतक के परिवार को 50–50 लाख रुपए का मुआवजा और एक-एक सरकारी नौकरी दी जाए।

14 मज़दूरों की मलबे में दबने की आशंका 

इस हादसे में मलबे में 14 लोगों की दबने की आशंका जताई जा रही है। आजतक की रिपोर्टिंग के अनुसार छोटू नाम के मजदूर जो हादसे के समय खदान में ही मौजूद था ने बताया कि “करीब 14 लोग नीचे काम कर रहे थे। अचानक तेज आवाज हुई और पहाड़ी धंस गई। मैं किसी तरह बाहर आया और तुरंत पुलिस को जानकारी दी।” छोटू के परिवार के दो सदस्य अब भी लापता हैं। 

एसडीएम ने क्या बताया? 

News18 के खबर अनुसार ओबरा के एसडीएम विवश सिंह ने घटनास्थल से जानकारी देते हुए बताया कि रेस्क्यू अभियान अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा “दो बड़ी चट्टानें मलबे हटाने में मुख्य बाधा बनी हुई है लेकिन हमारी टीमें विशेष उपकरणों की मदद से मलबे को हटाने में जुटी हुई है। अबतक चार शव निकाले जा चुके हैं और बाकी दबे मजदूरों को बाहर निकालने का काम तेजी से चल रहा है। 

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खनन क्षेत्र के सभी रास्ते बंद, भारी फोर्स तैनात

बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में हुई घटना के बाद पूरे इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। खनन क्षेत्र की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। हर प्रमुख जगह पर पुलिस और पीएसी के जवान निगरानी कर रहे हैं।

पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बग्घानाला तिराहे के पास बैरिकेडिंग कर दी है और बाहरी लोगों का प्रवेश रोक दिया गया है।

इससे पहले भी खदानों में लोगों की मौत 

गौरतलब है कि इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के महोबा सहित कई इलाक़ों में पहाड़ और खदान धंसने से लोगों की मौतें होती रही हैं। इन घटनाओं पर खबर लहरिया लगातार रिपोर्टिंग करता रहा है।

कब हुआ हादसा? 

शनिवार 15 नवंबर 2025 को सोनभद्र जिले के ओबरा थाना क्षेत्र स्थित बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में बड़ा हादसा हो गया। कृष्णा माइनिंग वर्क्स की पत्थर खदान का एक बड़ा हिस्सा अचानक धंस गया। हादसे के समय खदान में करीब 15 से 18 मजदूर काम कर रहे थे जिनके मलबे में दबे होने की आशंका है। घटना के तुरंत बाद खदान मालिक और उसका साझेदार मौके से फरार हो गए।

मध्यप्रदेश में भी बड़ा खदान हादसा 

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के इकलहरा स्थित कोयला खदान में भी देर रात एक बड़ा हादसा हुआ है। छिंदवाड़ा वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) के पेंच क्षेत्र अंतर्गत इकलहरा में स्थित बंद ओपन कास्ट कोयला खदान में रविवार और सोमवार (16,17 नवंबर 2025) की दरमियानी रात खदान में हादसा हुआ। जानकारी के अनुसार रात करीब 3 बजे लगभग 15 लोगों का एक समूह अवैध रूप से कोयला निकालने के लिए खदान में उतरा। खुदाई के दौरान अचानक एक बड़ी चट्टान टूटकर गिर गई। जिससे वहां मौजूद पांच लोग मलबे में दब गए। अंधेरा और खदान की गहराई के कारण मौके की स्थिति बेहद खतरनाक हो गई और राहत कार्य में भी मुश्किलें बढ़ गईं।

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साथियों ने ही पत्थर हटा कर घायलों को बाहर निकाला 

हादसे के बाद मजदूरों ने ही पत्थर हटाकर घायलों को बाहर निकाला और उन्हें छिंदवाड़ा जिला अस्पताल पहुंचाया। घायलों में रिजवान खान की हालत बेहद गंभीर होने के कारण उन्हें नागपुर मेडिकल कॉलेज रेफ़र किया गया है। वहीं कुनाल कोचे, शादाब खान और साईना कुरैशी का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत भी गंभीर बताई जा रही है।

खदान की अधिक गहराई और रात का अंधेरा बचाव कार्य में बड़ी बाधा बना जिसकी वजह से हालात और ज्यादा मुश्किल हो गए।

एसडीएम और तहसीलदार ने किया मौके का निरीक्षण

घटना की जानकारी मिलते ही परासिया के एसडीएम और तहसीलदार रविवार शाम करीब 5 बजे घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने पूरे हादसे वाले क्षेत्र का जायज़ा लिया और वहां हो रहे अवैध उत्खनन पर नाराज़गी जताई।

मजदूरों से चोरी-छुपे खुदाई

अमर उजाला के खबर अनुसार इकलहरा की यह खदान जिसे बड़कुही ओपन कास्ट के नाम से जाना जाता है बरसों से उत्पादन बंद होने के बाद कोयला माफिया की अवैध गतिविधियों का केंद्र बनी हुई है। यहां रात के समय मजदूरों से चोरी-छुपे खुदाई कराई जाती है। सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह नदारद है। कमजोर चट्टानें कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।

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