वैसे तो पानी की कोई जात नहीं है पर हाँ लोगों ने ज़रूर से बना ली। खुद को उच्च समझने वाले लोग खुद को इतना ऊँचा समझते हैं कि वह अन्य लोगों को निचला दर्ज़ देकर उन्हें इस कदर प्रताड़ित करते हैं कि उनकी छुअन को भी अपमानित समझते हैं। पानी की लड़ाई कभी भी आसान नहीं थी जिसमें जाति भी शामिल हो गयी है।
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