G20 Summit: नमस्कार दोस्तों, मैं मीरा देवी, अपने शो राजनीति, रस, राय में आप सबका स्वागत करती हूं। इस बार इस शो का मुद्दा है जी20 शिखर सम्मेलन। इसकी तैयारी देश की राजधानी दिल्ली में ज़मीन से आसमान तक चल रही है क्योंकि इस बार इस सम्मेलन का आयोजन भारत कर रहा है। इस सम्मेलन का मोटो ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ रखा गया है। दिल्ली के प्रगति मैदान में इसका आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन में खासकर 20 देशों के राष्ट्रअध्यक्ष शामिल होने हैं। यह देश के लिए बहुत गर्व की बात है लेकिन महिलाओं की संख्या 20 में से सिर्फ दो है। बस ऐसे ही मौके एहसास दिलाने के लिए काफी हैं कि देश ही नहीं दुनिया में भी महिलाओं के प्रति ज़मीन से लेकर आसमां तक कितनी प्राथमिकता दी जाती है।
जी20 देशों की बैठक 8 से 10 सितंबर के बीच दिल्ली में होने जा रही है। दो दिन के लिए दिल्ली के कुछ रास्तों और यातायातों को बंद किया जा रहा है। यह पहला मौका है जब भारत में इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। जी20 बैठक में अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, जापान सहित तमाम बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर ये जी20 है क्या? इसका आयोजन क्यों किया जाता है? भारत को जी20 के आयोजन से क्या फायदा होगा? आइए मैं अपने शो के ज़रिये आपको इन सभी सवालों के जवाब देती हूं।
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सवाल- जी20 समिट क्या है और कब इसका गठन हुआ?
जवाब- जी20 समिट दुनिया के 20 देशों द्वारा मिलकर बनाया गया एक शक्तिशाली ग्रुप है। साल 1999 में इसकी स्थापना की गई। इसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों द्वारा मिलकर आपसी सहयोग के लिए बनाया गया था। इसमें भारत, चीन, अमेरिका, रूस, जर्मनी, जापान के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, इंडोनेशिया, साउथ अफ्रीका, सउदी अरब, तुर्कि, मेक्सिको, साउथ कोरिया, यूरोपीय संघ और अर्जेंटीना शामिल हैं।
सवाल- जी20 समिट को बनाने का क्या मकसद था?
जवाब- दरअसल, साल 1999 से पहले कुछ सालों से एशिया आर्थिक संकट से जूझ रहा था, जिसे देखते हुए जर्मनी में जी8 देशों की बैठक हुई और जी20 का गठन किया गया। इसमें सभी मजबूत अर्थव्यवस्था वाले 20 देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों को बुलाया गया है। संगठन का मकसद वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर आपसी चर्चा कर हल निकालना था। साल 2008 की वैश्विक मंदी के बाद यह निर्णय लिया गया कि इस बैठक में सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी हिस्सा लेंगे।
सवाल- जी20 के पास क्या विधायी शक्तियां हैं?
जवाब- यूनाइटेड नेशन की तर्ज पर जी20 के पास कोई विधायी शक्ति नहीं है। इस सम्मेलन के दौरान लिए गए फैसलों को मानने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं होती। यह आर्थिक रूप से ताकतवर देशों का एक ग्रुप है। यहां लिए गए निर्णयों से अंतरराष्ट्रीय ट्रेड काफी हद तक प्रभावित होता है।
सवाल- आम लोगों को जी20 से क्या फायदा?
जवाब- सरल शब्दों में समझें तो जी20 बैठक के दौरान दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने और उसे बढ़ावा देने पर चर्चा होती है। आर्थिक मजबूती से देशों में रोज़गार के ज़्यादा अवसर पैदा होते हैं। यहां शिक्षा, खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करना, रोज़गार जैसे मुद्दों पर चर्चा के बाद निर्णय लिए जाते हैं।
सवाल- कैसे काम करता है जी20?
जवाब- जी 20 में कुल दो ट्रैक होते हैं। पहला वित्तीय ट्रैक और दूसरा शेरपा ट्रैक। वित्तीय ट्रैक में सदस्य देशों के वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर अहम भूमिका निभाते हैं। शेरपा ट्रैक में शेरपा शब्द को नेपाली भाषा से लिया गया है। शेरपा को गाइड कहा जाता है। जी20 में शेरपा नेताओं के गाइड की तरह काम करते हैं। शेरपा ट्रैक में नेताओं की चर्चा होती है, जिससे मुख्य बैठक के दौरान मुद्दों पर बात करने में आसानी होती है
सवाल- सम्मेलन में कितने गैर-जी20 देश आएंगे?
जवाब- जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान केवल ग्रुप के सदस्य देश ही इसमें शामिल नहीं होते बल्कि ऐसे देशों को भी आमंत्रित किया जाता है जो इसका हिस्सा नहीं हैं। भारत ने नौ देशों को जी20 में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, जिसमें पड़ोसी देश बांग्लादेश के अलावा मिस्त्र, यूएई, नीदरलैंड, मॉरीशस, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर और स्पेन शामिल हैं।
तो दोस्तो उम्मीद है कि जी20 शिखर सम्मेलन के बारे में यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। अगर ठीक लगे तो दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें। अभी के लिए बस इतना ही। मैं फिर आऊंगी किस नए मुद्दे के लेकर, तब तक के लिए नमस्कार!!
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