उदयपुर के कन्हैया लाल हत्या मामले के आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद को NIA द्वारा दिल्ली लाया जाएगा और दिल्ली कोर्ट में उनकी पेशी होगी। इसके साथ ही राज्य में एक महीने के लिए 144 धारा भी लागू कर दी गयी है।
Udaipur Murder Case : सीएम अशोक गहलोत ने आज कन्हैया लाल के परिवार से मुलाकात की और उन्हें 50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी। सीएम ने परिवार को आश्वाशन देते हुए कहा कि मामले को फ़ास्ट ट्रेक पर चलाया जाएगा और आरोपियों को सज़ा दी जायेगी। इसके साथ ही सीएम ने राज्य में लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील भी की।
#WATCH | Rajasthan CM Ashok Gehlot meets the family members of #KanhaiyaLal, who was killed by two men on June 28 in Udaipur pic.twitter.com/rQzra6Wqpd
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 30, 2022
दोनों आरोपियों को लाया जायेगा दिल्ली – एनआईए
बता दें, इस मामले को अब राष्ट्रिय जांच आयोग द्वारा अपने हाथों में ले लिया गया है। एनआईए की टीम कन्हैया लाल की हत्या के दोनों मुख्य आरोपियों रियाज और गौस मोहम्मद को दिल्ली लाएगी। आरोपियों को दिल्ली कोर्ट में पेश किया जाएगा।
वहीं, सरकार द्वारा इस घटना को आतंकी घटना माना जा रहा है।
पाकिस्तानी संगठन से था आरोपियों का संबंध
उदयपुर में मंगलवार, 28 जून के दिन पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी संगठन से संबंध रखने वाले गोस मोहम्मद और रियाज़ ने कन्हैया लाल (टेलर) की बेरहमी से हत्या कर दी थी। वह इसलिए क्यूंकि कन्हैया ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर बीजेपी नेता नुपूर शर्मा के बयान का समर्थन किया था जहां बीजेपी नेता द्वारा पैगंबर महोम्मद को लेकर संवेदनशील टिप्पणी की गयी थी।
सोशल मीडिया पर हत्या का वीडियो डालते हुए दोनों अपराधियों का कहना था कि वह इस्लाम का अपमान करने वाले के खिलाफ़ बस अपना बदला ले रहें हैं। इस भीषण हत्या ने पूरे राज्य में सनसनी और लोगों में क्रोध भर दिया है। लोग सड़कों पर उतर आये हैं और हिंसक घटना की निंदा कर रहें हैं।
राज्य में 144 धारा लागू
राज्य में एक महीने के लिए 144 धारा लागू कर दी गयी है वहीं कुछ जगहों पर इंटरनेट सेवायें भी आदेश के बाद बंद कर दिए गए हैं।
राजस्थान : उदयपुर से सुबह की तस्वीरें जहां कन्हैयालाल की हत्या के बाद एक महीने के लिए धारा 144 लागू है। pic.twitter.com/klp2HdgN8I
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 30, 2022
कन्हैया हत्या मामले में 3 और लोग गिरफ़्तार
राजस्थान पुलिस ने बुधवार, 29 जून को बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार दोनों मुख्य आरोपी जो पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी संगठन से संबंध रखते हैं, साल 2014 में कराची गए थे। वहीं प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डीजीपी एम.एल लाठेर ने बताया कि पुलिस द्वारा हत्या के मामले में तीन और लोगों को हिरासत में लिया गया है।
अपराधियों को मिले फांसी की सज़ा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कन्हैया लाल के बेटे यश ने कहा कि मेरी सीएम से बात हुई है। उन्होंने आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की बात कही है। हमने उनसे खुद की सुरक्षा की भी मांग की है। जिन लोगों ने उनके साथ ऐसा किया उनको फांसी की सजा मिलनी ही चाहिए यही हमारी मांग है।
कांग्रेस ने पीएम को शांति की अपील करने का किया निवेदन
कांग्रेस ने आज देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अपनी चिंता ज़ाहिर की और प्रधानमंत्री मोदी से निवेदन किया कि वह लोगों को शांति बनाये रखने की अपील करें। इसके साथ ही कांग्रेस नेता अलका लांबा ने यह भी पूछा कि उदयपुर की घटना में “विदेशी हाथ होने की आशंका” पर मुख्यमंत्रियों के साथ जानकारी साझा क्यों नहीं की गई है।
LIVE: Congress Party Briefing by @LambaAlka at AICC HQ.
https://t.co/CDgPO9w4rG— Congress (@INCIndia) June 30, 2022
कांग्रेस ने हत्या को लेकर भाजपा पर कसा ताना
“देश में नफरत की नींव 2014 में रख दी गई थी, जिसका परिणाम 2022 में उदयपुर की आतंकी वारदात के तौर पर हमारे सामने आ रहा है।”
देश में नफरत की नींव 2014 में रख दी गई थी, जिसका परिणाम 2022 में उदयपुर की आतंकी वारदात के तौर पर हमारे सामने आ रहा है : @LambaAlka जी#नफरत_छोड़ो_भारत_जोड़ो
— Congress (@INCIndia) June 30, 2022
आगे ट्वीट करते हुए लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आज यह महसूस कर रही है कि पूरे देश के अंदर आज एक असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। समाज में नफरत इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि राजस्थान में धार्मिक उन्माद से उपजी ‘आतंकी घटना’ को अंजाम देने से पहले एक बार भी नहीं सोचा गया।”
हज़ारों लोगों ने निकाली रैली
कन्हैया लाल की हत्या के विरोध में आज, 30 जून को हज़ारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और अनुमति के साथ टाउन हॉल से लेकर कलेक्ट्रट तक रैली निकाली। जानकारी के अनुसार, इस मार्च में हिन्दू संगठनों द्वारा हिस्सा लिया गया था।
रैली के दौरान भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया। मार्च के दौरान मामूली हाथापाई की खबर भी सामने आई। हालांकि पुलिस ने रैली को शांतिपूर्ण बताया।
#WATCH | A large number of people protest against the Udaipur murder incident in Rajasthan's Udaipur#KanhaiyaLal, a tailor was beheaded by two men on June 28 for allegedly posting content in support of suspended BJP leader Nupur Sharma pic.twitter.com/IMkFhqDjRY
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 30, 2022
आरोपियों की फैक्ट्री से SIT को बरामद हुए हथियार
स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (Special Investigation Team) ने उदयपुर हत्या मामले में सापेट इलाके की एसके इंजीनियरिंग नाम की एक फैक्ट्री में छापेमारी की, जहां दोनों आरोपी काम कर रहें थे। जानकारी के अनुसार, यह आशंका जताई जा रही है कि इसी फैक्ट्री में इन दोनों हत्यारों ने हत्या से पहले और बाद में बनाए वीडियो यहीं रिकॉर्ड किए थे। फैक्ट्री से कुछ हथियार मिलने की बात भी सामने आई है। फैक्ट्री को सीज़ कर दिया गया है।
दंगा भड़काने के लिए की कन्हैया लाल की हुई हत्या – एएनआई सूत्र
एएनआई द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, दोनों आरोपियों ने करौली, जोधपुर, भीलवाड़ा के बाद उदयपुर में दंगा भड़काने के लिए कन्हैयालाल का मर्डर किया। साल 2014 में दोनों 30 लोगों के साथ पाकिस्तान के कराची में गए थे और वहां ट्रेनिंग ली। दोनों के साथ उदयपुर के वसीम अख्तरी और अख्तर राजा भी थे। कराची में उन्हें आतंकी संगठनों ने ट्रेनिंग दी। 45 दिन की ट्रेनिंग के बाद 1 फरवरी 2014 को दोनों भारत वापस आ गए थे और दोनों दावत-ए-इस्लामी और पाकिस्तान के राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक के सम्पर्क में थे।
रियाज़-गौस मोहम्मद बना रहें थे स्लीपर सेल – एनआईए
राष्ट्रिय जांच आयोग (NIA) के अनुसार रियाज और गौस मोहम्मद राजस्थान के 8 जिलों में आईएसआईएस (ISIS) के लिए स्लीपर सेल बना रहें थें। दोनों उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी, बांसवाड़ा,जोधपुर जिलों में धर्म के नाम पर युवाओं का दिमाग अपने साफ़ कर रहें थे। दोनों गरीब और बेरोज़गार युवाओं को उकसाकर स्लीपर सेल बनाते थे। आशंका जताई जा रही है कि ये स्लीपर सेल ISIS के लिए बनाए जा रहे थे इसके लिए अरब देशों से फंडिंग भी की गई है।
देश में एक के बाद एक धार्मिक हिंसा के मामले देखने को मिल रहें हैं। कभी ज्ञानवापी मंदिर को लेकर तो कभी कुछ और। इस घटना को सरकार ने आतंकी घटना का नाम दिया। साथ ही यह भी सामने आया कि देश में धार्मिक हिंसा फैलाने को लेकर दोनों आरोपियों द्वारा सालों से योजना बनाई जा रही थी जिसकी खबर सरकार को कन्हैया लाल की हत्या के जांच के दौरान हुई। ऐसे में विदेश मंत्रालय पर भी सवाल खड़ा होता है कि उन्हें इस बात की जानकारी कैसे नहीं थी? साथ ही इस घटना ने एक बार फिर हिन्दू-मुस्लिम की एकता में दरार डालने का बीज बो दिया है।
आक्रोशित लोग व राजनीतिक पार्टियां सवाल उठाने से नहीं चूक रहें। ऐसे में सरकार पर भी इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का दबाव बना हुआ है। इसके साथ ही यह घटना राष्ट्रिय सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।
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