अमेरिकी कोर्ट ने गौतम अडानी के साथ सात अन्य लोगों पर भी आरोप लगाया है। इसमें अडानी के भतीजे सागर अडानी, पूर्व अधिकारी विनीत जैन, रंजीत गुप्ता और रूपेश अग्रवाल शामिल हैं।
गौतम अडानी जोकि दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं, उनके खिलाफ अमेरिकी अदालत ने निवेशकों को धोखा देने और रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है। इसमें अडानी के भतीजे सागर अडानी और अन्य छः लोग भी शामिल हैं।
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार,अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने इस बात को छिपाया है कि उनकी कंपनी का बड़ा सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट कथित तौर पर रिश्वत के तहत चलाया जा रहा था।
अडानी पर क्या है आरोप?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अदालत की तरफ लड़ने वाले वकीलों ने कहा कि अडानी और उनके साथियों ने 2020 या 2021 से रिश्वत खाने की योजना बनाई। जानकारी के अनुसार, इसका उद्देश्य, अडानी ग्रीन और एज्योर पावर जैसी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों को भारत सरकार द्वारा दिया गया अरबों डॉलर का सौर ऊर्जा परियोजना दिलवाना था।
आरोपित शिकायत में उन पर संघीय सुरक्षा धोखाधड़ी नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। इसके तहत स्थायी रोक, नागरिक जुर्माना और कंपनी के अधिकारी या निदेशक बनने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
अमेरिकी अदालत के दस्तावेज़ में बताया गया है कि अडानी ने छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और आंध्र प्रदेश की राज्य-स्वामित्व वाली पावर जेनरेशन कंपनियों में कॉन्ट्रैक्ट जीते थे। बता दें, ‘पावर जेनरेशन कंपनियां’, वे कंपनियां होती हैं जो बिजली (ऊर्जा) का उत्पादन (जेनरेशन) करती हैं।
अदालत ने यह भी कहा कि सागर अडानी ने “रिश्वत की विशेष जानकारी को ट्रैक किया”, जिसमें यह बताया गया कि किस राज्य या क्षेत्र में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी, रिश्वत की कुल राशि कितनी थी, और किस राज्य या क्षेत्र ने उस रिश्वत के बदले कितनी सौर ऊर्जा खरीदने की मंज़ूरी दी गई थी।
दस्तावेज़ों में यह भी कहा गया है कि अडानी ने अमेरिकी शेयर बाजार से अरबों डॉलर का निवेश लेने के लिए रिकॉर्ड में छेड़छाड़ भी की है। यू.एस. अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसइसी) ने कहा कि अडानी ग्रुप ने निवेशकों को धोखा दिया है, यह झूठ बोलकर कि अडानी ग्रीन एनर्जी के पास एक मजबूत रिश्वत विरोधी अनुपालन कार्यक्रम था।
अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग, एक संगठन या कंपनी द्वारा अपनाया गया एक ऐसा कार्यक्रम होता है, जिसका उद्देश्य रिश्वतखोरी (घूस लेने या देने) को रोकना और उससे निपटना होता है। इसमें कर्मचारियों और अधिकारियों को रिश्वतखोरी के खिलाफ शिक्षा देना, नीतियां बनाना, और निगरानी रखना शामिल होता है, ताकि कंपनी में भ्रष्टाचार न हो।
अडानी के साथ इन लोगों पर है आरोप
अमेरिकी कोर्ट ने गौतम अडानी के साथ सात अन्य लोगों पर भी आरोप लगाया है। इसमें अडानी के भतीजे सागर अडानी, पूर्व अधिकारी विनीत जैन, रंजीत गुप्ता और रूपेश अग्रवाल शामिल हैं।
साइरिल कबानेस, सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा, जो एक कनाडाई संस्थागत निवेशक के पूर्व कर्मचारी हैं, पर भी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (Foreign Corrupt Practices Act), जिसे FCPA के नाम से भी जाना जाता है, एक अमेरिकी कानून है जो 1977 में लागू किया गया था।
इस कानून का उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों और नागरिकों को विदेशों में रिश्वत देने या लेने से रोकना है। FCPA के तहत, अगर कोई अमेरिकी नागरिक या कंपनी विदेशों में भ्रष्टाचार करती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
एज्योर पावर कंपनी कौन हैं?
एज्योर पावर, गुड़गांव में स्थित एक नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी है, जो अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (U.S. SEC) के अनुसार, भारतीय अधिकारियों को सौर ऊर्जा के कॉन्ट्रैक्ट के लिए रिश्वत देने पर सहमत हुई थी।
कंपनी के निदेशक साइरिल कबानेस, जिन पर आरोप लगाया गया है, कनाडा के पेंशन फंड CDPQ के प्रतिनिधि भी थे। इस कंपनी ने 2023 में उन्हें कंपनी से बाहर कर दिया था।
अडानी के कंपनियों के शेयरों में आई गिरावट
अडानी ग्रीन एनर्जी ने 21 नवंबर 2024 (गुरुवार) को 600 मिलियन डॉलर यूएस डॉलर-निर्देशित बॉंड के जरिए जुटाने की योजना रद्द कर दी, जैसा कि स्थिति की जानकारी रखने वाले चार सूत्रों ने बताया। बॉंड की कीमत पहले ही तय हो चुकी थी, लेकिन यह खबर आने के बाद इसे वापस ले लिया गया।
रिपोर्ट बताती है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों ने सुबह के कारोबार में लगभग 28 अरब डॉलर की बाजार मूल्य खो दी है। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 23% गिर गए हैं जबकि अडानी पोर्ट्स, अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन, अडानी पावर, अडानी विलमार, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स और एनडीटीवी के शेयर 20% से 90% तक गिर गए।
धीरे-धीरे रिपोर्ट्स में उन लोगों के भी नाम सामने आ रहे हैं जिनसे अडानी का भारत में मिलना हुआ था।
स्त्रोत – द हिन्दू की रिपोर्ट
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