जिला बांदा। जमीनों की नाप के लिए लोग हदबंदी तो दायर कर देते हैं और पैसा भी खर्च करते हैं| लेकिन कोर्ट में मुकदमों का कोई ठिकाना नहीं होता है कि कितने दिन में फाइनल होंगे अगर कोर्ट से किसी तरह मुकदमे भी फाइनल हो जाते हैं, तो जमीन की नाप करवाने के लिए लोगों को लेखपाल और कानूनगो के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे एक नहीं हजारों मामले हैं जो चल रहे हैं और लोग अपना कामकाज छोड़ कर कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते रहते हैं।
नरैनी ब्लाक अंतर्गत आने वाले बिल्हरका का गांव के रामकिशोर बताते हैं कि उनका कई सालों से मुकदमा चल रहा है और लगभग 3 साल हो गए मुकदमा फाइनल भी हो गया नाप का आदेश भी जारी हो गया लेकिन अभी तक नाप नहीं हुई वह कई बारी तहसील के चक्कर लगा चुके और हर आए दिन आते हैं जब भी वह आते हैं उनका ₹100 आने जाने का किराया भाड़ा खर्च होता है लेकिन लेखपाल और कानूनगो नाप के लिए नहीं जा रहे हैं उन्होंने यह भी बताया कि इसके पहले जो कानूनगो थे वह उनसे जमीन नापने के लिए पैसे की भी मांग कर रहे थे लेकिन जितना पैसा मांग रहे थे उतना उनके पास नहीं था इसलिए उन्होंने जमीन की नाप नहीं कि अब दूसरे कनूंगो आए हैं तो वह भी आजकल आजकल कर रहे हैं इसी तरह और भी कई लोग हैं जो भटक रहे हैं। लेकिन नाप नहीं हो पा रही है लोगों का कहना है कि जब दोनों तरह से थक जाते हैं तो फिर पीछा ही छोड़ देते हैं क्योंकि पैसा भी खर्च होता है समय भी बर्बाद होता है और नाप हो ही नहीं पाती।
इसी गढा गंगापुरवा गांव के किसान बताते हैं कि वह भी हक बंदी का मुकदमा दायर किए हैं, लेकिन अभी तक उनके नाप का आदेश नहीं आया वह रोज तहसील कचहरी के चक्कर काट काट कर थक चुके हैं तो वहीं दूसरी तरफ नौगांवा ग्राम पंचायत के मजरा गहबरा के एक व्यक्ति बताते हैं कि वह कई सालों से मुकदमा लड़ रहे हैं। जमीन की नाप का अब जाकर नाप का आदेश आया है लेकिन कब तक होगी अभी यह भी पता नहीं है उन्होंने ₹50000 इस भाग दौड़ में और कोर्ट कचहरी में खर्च कर दिया है तब जाकर मुश्किल से अब उनको एक आसरा देखा है लेकिन जब नाप हो जाए तभी वह जाने।
तो वहीं नरैनी कानून को कहते हैं कि वह तो अभी आए हुए हैं और नरैनी में सात कानूनगो है लेकिन सारी जगह खाली है सात में से सिर्फ एक कानून गो है और इतना ज्यादा काम कागज पत्र देखने का भी है। उसके लिए भी बहुत मुश्किल हो रहा है लेकिन वह अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं कि लोगों की जल्द से जल्द नाप हो जिनके आदेश आए हैं उन्होंने यह भी बताया कि यह बहुत बड़ी समस्या है। इस तहसील में एक नहीं लगभग 500 केस ऐसे होंगे जो हदबंदी के नाप के लिए पड़े हैं और चल रहे हैं यह बात बिल्कुल सही है कि किसान चक्कर लगा रहा है लेकिन वह भी कहीं ना कहीं परेशान है क्योंकि अकेला आदमी क्या-क्या काम करें।